अजमेर । Clash at Ajmer Sharif Dargah: राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह में चल रहे उर्स के मेले में हिंसक झड़प हो गई। दरगाह के अंदर दो समूहों के बीच जमकर हिंसक झड़प में कई लोगों के घायल होने की खबर है। जानकारी में सामने आया है कि, ये झड़प बरेलवी समुदाय के समर्थकों और दरगाह के खादिमों के बीच हुई है। इस घटना के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है।
बताया जा रहा है कि बरेलवी समुदाय के समर्थकों द्वारा उनके और दूसरे संप्रदाय के पक्ष में नारे लगाने के कारण दरगाह के खादिम नाराज हो गए। जिसके कारण दोनों समूहों के बीच जमकर मारपीट हो गई। ये भी बताया जा रहा है कि, दरगाह के खादिमों ने शुरुआत में लोगों को नारा लगाने से रोकने की कोशिश की थी लेकिन वे नहीं माने और ये झड़प बढ़ गई।
गौरतलब है कि, इन दिनों सूफी संत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का उर्स अपने परवान पर है। ऐसे में बरेलवी समुदाय के लोग भी उर्स में शामिल होने अजमेर आए हुए हैं। इसी बीच दरगाह में दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई। ऐसे में मौके पर पहुंची वहां की पुलिस ने हालात संभालने की कोशिश की, लेकिन लोग एक-दूसरे को मारने पर उतारू रहे।
पुलिस के अनुसार, बरेलवी संप्रदाय के पक्ष में नारे लगाने वाले लोग अफरातफरी के बीच वहां से भागने में कामयाब हो गए। ऐसे में किसी के खिलाफ भी मामला दर्ज नहीं हो सका है। दरगाह से जुड़े जानकारों का कहना है कि खादिमों और बरेलवियों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। दरअसल, बरेली के मुसलमानों को बरेलवी कहा जाता है। यह दरगाह में आकर अपने गुरु ताजू सरिया का गुणगान करते हैं। वे अपने गुरु की शान में ‘बस्ती-बस्ती करिया करिया… ताजू सरिया ताजू सरिया’ का नारा लगाते हैं।
Clash at Ajmer Sharif Dargah: दरगाह परिसर में हुई इस घटना पर खादिमों की संस्था अंजुमन के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि, ख्वाजा साब की दरगाह में हर धर्म जाति के लोग आते हैं ऐसे में यहां किसी भी तरह की नारेबाजी नहीं होनी चाहिए। इस तरह की नारेबाजी से यहां का माहौल बिगड़ा है।