नीम करौली बाबा, जिन्हें उनके भक्त हनुमान जी का अवतार मानते हैं, अपने चमत्कारों और दिव्य शक्तियों के लिए विश्वविख्यात हैं। बाबा हनुमान जी के परम उपासक थे और उनके जीवन में ऐसी अनेक घटनाएँ घटित हुईं, जिन्हें जानकर लोग आज भी चकित रह जाते हैं।
उनके चमत्कार केवल सुनी-सुनाई बातें नहीं, बल्कि साक्षात अनुभव हैं—ऐसे अनुभव जो उनके भक्तों के जीवन में आश्चर्यजनक बदलाव लेकर आए। बाबा को लोग “चमत्कारी बाबा” के नाम से जानते हैं, और उनके प्रति श्रद्धा केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों तक फैली हुई है।
हालाँकि नीम करौली बाबा के हजारों भक्त हैं, लेकिन उनके कुछ चमत्कार ऐसे भी हैं जो बहुत कम लोग जानते हैं। ये घटनाएँ बाबा की अपार आध्यात्मिक शक्तियों की गवाही देती हैं।
नीम करौली बाबा के चमत्कारों पर कई पुस्तकों की रचना हो चुकी है, जिनमें उनके दिव्य अनुभवों और अलौकिक घटनाओं का विस्तार से वर्णन किया गया है। बाबा के जीवन के अनेक ऐसे किस्से हैं जो यह विश्वास दिलाते हैं कि वे साधारण नहीं, बल्कि एक चमत्कारिक आत्मा थे।
15 जून से नीम करौली बाबा का विश्व प्रसिद्ध मेला शुरू होने जा रहा है। नीम करौली बाबा का उत्तराखंड के नानीताल में स्थित कैंची धाम आश्रम विश्वविख्यात है। कैंची धाम में मेले के अलावा भी भीड़ देखेने को मिलती है।
अगर आप भी मेले में जाने की याजना बना रहे है है तो उससे पहले जानें नीम करौली बाबा के चमत्कार…..नीम करौली बाबा किस कारण से इतने प्रसिद्ध हो गए…..
नीम करोली बाबा के अद्भुत चमत्कार
नीम करोली बाबा, जिनकी दिव्य शक्तियों के किस्से आज भी भक्तों के बीच आस्था और विश्वास का प्रतीक हैं, उनके जीवन से जुड़े कई ऐसे चमत्कारी प्रसंग हैं जो न केवल आश्चर्यजनक हैं, बल्कि अध्यात्म की शक्ति पर गहरा विश्वास भी जगाते हैं। बाबा को हनुमान जी का अवतार माना जाता है और उनके जीवन में घटित घटनाएं इस विश्वास को और भी पक्का कर देती हैं।
पानी को घी में बदलने का चमत्कार
एक बार कैंची धाम में भंडारे का आयोजन हो रहा था। सैकड़ों भक्त भोजन प्रसाद के लिए उपस्थित थे। जैसे-जैसे भंडारा बन रहा था, रसोई में घी की मात्रा कम पड़ने लगी। जब ये बात नीम करौली बाबा को बताई गई तो उन्होंने बिना विचलित हुए कहा कि शिप्रा नदी से कनस्तर भर लाओ।
रसोई के लोग आश्चर्य में पड़ गए, क्योंकि नदी में तो पानी था, घी नहीं। पर बाबा की आज्ञा को मानते हुए कनस्तरों में पानी भर लाया गया। जब उस पानी को कड़ाही में डाला गया तो आश्चर्यजनक रूप से वह पानी घी में बदल गया। यह देखकर वहां उपस्थित सभी लोग हक्के-बक्के रह गए। यह नज़ारा नीम करौली बाबा की सिद्धियों और उनकी कृपा का प्रत्यक्ष प्रमाण था।
खारे पानी को मीठा कर दिया
एक और प्रसंग में बाबा ने अपनी कृपा से खारे पानी को मीठा कर दिया था। एक गांव में एक कुआं था, जिसका पानी बहुत खारा था। गांव के लोग वर्षों से उस पानी को पीकर परेशान थे, लेकिन पास में कोई और जलस्रोत नहीं था।
नीम करौली बाबा जब वहां पहुंचे तो उन्होंने कुएं के पास जाकर मात्र अपनी दृष्टि और आशीर्वाद से उस जल को स्पर्श किया। कुछ ही देर में उस कुएं का पानी मीठा हो गया और गांववालों को पीने योग्य जल मिलने लगा।
यह चमत्कार नीम करौली बाबा की करुणा और दिव्यता का प्रतीक है, जो दर्शाता है कि जब ईश्वर का सच्चा रूप किसी के बीच होता है, तो प्रकृति भी उसकी आज्ञा का पालन करती है।
जब ट्रेन बाबा के बिना नहीं चली
नीम करौली बाबा का एक और प्रसिद्ध चमत्कार ट्रेन से जुड़ा है। एक बार वे बिना टिकट के ट्रेन की फर्स्ट क्लास बोगी में यात्रा कर रहे थे। जब टिकट चेकर (टीटी) आया और टिकट मांगा, तो बाबा के पास कोई टिकट नहीं था।
नियमों का पालन करते हुए टीटी ने बाबा को ट्रेन से नीचे उतार दिया। लेकिन इसके बाद अजीब घटना घटित हुई—ट्रेन आगे नहीं बढ़ सकी। इंजीनियरों और स्टाफ ने ट्रेन को कई बार चालू करने की कोशिश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
जब टीटी को अहसास हुआ कि उसने एक सिद्ध पुरुष को ट्रेन से उतारा है, तो उसने बाबा से क्षमा मांगी और उन्हें पुनः ट्रेन में बैठाया। जैसे ही बाबा ट्रेन में चढ़े, ट्रेन स्वतः चलने लगी।
यह घटना न केवल नीम करौली बाबा की दिव्यता को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि सच्चे संतों के साथ जब अन्याय होता है, तो प्रकृति स्वयं प्रतिकार करती है।नीम करोली बाबा के ये चमत्कार केवल कहानियां नहीं, बल्कि भक्तों द्वारा अनुभूत सत्य हैं, जो आज भी लोगों की जुबान पर हैं और श्रद्धा का कारण बने हुए हैं।
चाहे पानी को घी में बदलने की घटना हो, खारे पानी को मीठा करने की कृपा हो या ट्रेन का रुक जाना—हर चमत्कार में बाबा की दिव्यता और उनके भक्तों के प्रति उनकी करुणा झलकती है। नीम करौली बाबा का जीवन आज भी करोड़ों लोगों को मार्गदर्शन, विश्वास और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है।
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