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जब घर कमजोर हो

घरेलू मजबूरी के कारण दो महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों को रद्द करना बाइडेन प्रशासन की कूटनीति लिए एक करारा झटका है। आशंका है कि इससे अमेरिकी प्राथमिकता को लेकर भरोसे का संकट बढ़ सकता है।

जो बाइडेन के सामने एशिया-प्रशांत यात्रा में कटौती की मजबूरी उसके घरेलू संकट की वजह आई है। अमेरिका का कर्ज सीमा संकट नाजुक मोड़ पर पहुंचता हुआ नजर आ रहा है। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि अगर इसी महीने कांग्रेस कर्ज सीमा बढ़ाने पर राजी नहीं हुई, तो अमेरिका के लिए ऋण डिफॉल्ट करने तक की नौबत आ सकती है। अमेरिका के ऋण सीमा संकट ने राष्ट्रपति जो बाइडेन की एक बड़ी कूटनीतिक पहल की बलि ले ली है। इस कारण उन्हें न्यू पापुआ गिनी में आयोजित प्रशांत महासागर में स्थित द्वीप देशों के नेताओं की बैठक को रद्द करना पड़ा है। साथ ही ऑस्ट्रेलिया में होने वाली क्वाड्रैंगुलर सिक्युरिटी डायलॉग (क्वैड) की शिखर बैठक को रद्द करना पड़ा है। बाइडेन के अचानक अपनी एशिया-प्रशांत क्षेत्र की यात्रा के कार्यक्रम में कटौती करने को फैसले को अमेरिकी कूटनीति के लिए एक जोरदार झटका समझा जा रहा है। अमेरिका में कर्ज सीमा को लेकर चल रहे विवाद के कारण राष्ट्रपति को यह कदम उठाना पड़ा। बाइडेन ने पापुआ न्यू गिनी में प्रशांत महासागर में स्थित द्वीप देशों के शिखर सम्मेलन को संबोधित करने की योजना बनाई थी। यह किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति की पापुआ न्यू गिनी की पहली यात्रा होगी।

इस क्षेत्र में हाल के वर्षों में चीन का प्रभाव तेजी से बढ़ा है। बाइडेन का मकसद उन द्वीपों की तरफ दोस्ती और सहायता का हाथ बढ़ा कर चीन के प्रभाव को नियंत्रित करना था। अमेरिका ने बाइडेन की इस यात्रा को हाई प्रोफाइल बनाने के लिए जी-7 शिखर बैठक और पापुआ न्यू गिनी में उनके कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अपने सहयोगी कई देशों के नेताओं को आमंत्रित किया था। लेकिन अब घरेलू तकाजे के कारण उन्होंने अचानक इन देशों के नेताओं से मिलने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है। विश्लेषकों के मुताबिक जिस समय अमेरिका की सामरिक नीति में एशिया-प्रशांत केंद्रीय स्थान दिया गया है, घरेलू मजबूरी के कारण दो महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों को रद्द करना बाइडेन प्रशासन की कूटनीति लिए एक करारा झटका है। आशंका है कि इससे अमेरिकी प्राथमिकता को लेकर भरोसे का संकट बढ़ सकता है।

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By NI Editorial

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