पटना। सीट बंटवारे से लेकर उम्मीदवारों के चयन तक में बिखराव के बाद अब बिहार में विपक्षी गठबंधन में डैमेज कंट्रोल का अभियान शुरू हुआ है। कांग्रेस की ओर से दिग्गज नेता अशोक गहलोत ने मोर्चा संभाला है। गहलोत ने बुधवार को लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि बातचीत अच्छी हुई है और महागठबंधन एकजुट होकर लड़ेगा। गुरुवार, 23 अक्टूबर को पटना में महागठबंधन के घटक दलों की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। कहा जा रहा है कि इसमें तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाने की घोषणा हो सकती है।
बहरहाल, कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर पटना पहुंचे अशोक गहलोत ने बुधवार को लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद कहा, ‘हमारी लालू जी और तेजस्वी यादव से अच्छी बातचीत हुई है। कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी और सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा’। उन्होंने कहा, ‘हम एनडीए के खिलाफ मजबूती से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव मिलकर चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगे। बिहार में कुल 243 सीटें हैं, और कभी कभी पांच, सात सीटों पर दोस्ताना मुकाबला हो सकता है। हम साथ मिल कर प्रचार करेंगे और चुनाव जीतेंगे’।
जानकार सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी तेजस्वी यादव से बात की है। इससे पहले तेजस्वी ने सुबह में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उसमें उन्होंने गठबंधन को लेकर कहा था, ‘गठबंधन पर कल बात करेंगे। 12 सीटों पर महागठबंधन के दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं’। तेजस्वी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में नया चुनावी वादा भी किया। हालांकि अपने किसी भी वादे में वे गठबंधन की दूसरी सहयोगी पार्टियों को नहीं शामिल कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने बुधवार को ऐलान किया कि सभी सीएम जीविका दीदियों को सरकारी कर्मचारी दर्जा दिया जाएगा और उनका वेतन 10 हजार से बढ़ा कर 30 हजार रुपए महीना किया जाएगा। इसके अलावा तेजस्वी ने कहा कि सभी संविदा कर्मियों को स्थायी किया जाएगा। उन्होंने इसके अलावा अपना पुराना वादा दोहराते हुए कहा कि हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। महागठबंधन में मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर चल रही खींचतान के बीच निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि राहुल गांधी के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा, जबकि कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि तेजस्वी के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।


