नई दिल्ली। आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी ने देश भर में मॉक पार्लियामेंट का आयोजन किया और लोगों को इसकी ज्यादतियों के बारे में बताया। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर एक प्रस्ताव पास किया गया। इसके बाद आपातकाल के पीड़ितों को श्रद्धांजलि के रूप में दो मिनट का मौन रखा गया।
इससे पहले बुधवार की सुबह प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि इस दिन कांग्रेस ने लोकतंत्र को कैद कर लिया था। प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म कर दिया था। गौरतलब है कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की थी। यह 21 मार्च 1977 यानी 21 महीने तक लागू रहा था। भाजपा इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाती है।
आपातकाल को लेकर मोदी ने सोशल मीडिया में लिखा, ‘यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक है। भारत के लोग इस दिन को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाते हैं’। उन्होंने आगे लिखा, ‘भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना, जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया। यह हमारा कर्तव्य है। यह उनका सामूहिक संघर्ष ही था, जिसके चलते तत्कालीन कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे बुरी तरह हार गए’।
खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की
आपातकाल को लेकर भाजपा की ओर से देश भर में हो रहे कार्यक्रम और कांग्रेस पर लगाए जा रहे आरोपों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, ‘जिस बात को 50 साल हो गए, ये लोग उसे बार बार दोहरा रहे हैं। जिनका देश की आजादी के आंदोलन में कोई योगदान नहीं, जिनका संविधान निर्माण में कोई योगदान नहीं रहा। वे हमेशा संविधान के खिलाफ बात करते हैं’।


