नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन की जंग को ‘मोदी वॉर’ बताने वाले और भारत को रूसी तेल की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। नवारो ने भारतीय ब्राह्मणों पर रूसी तेल खरीद कर मुनाफाखोरी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भारत के ब्राह्मण रूसी तेल से मुनाफा कमा रहे हैं, जिसकी कीमत पूरा भारत चुका रहा है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार नवारो ने कहा कि भारत रूस से तेल खरीदकर उसे यूक्रेन पर हमला करने के लिए पैसे दे रहा है। इसलिए सबसे ज्यादा टैरिफ झेल रहा है। इससे रूस और अमेरिका को नुकसान नहीं हो रहा है, बल्कि आम भारतीयों को हो रहा है। यह बात उन्हें समझनी चाहिए। नवारो के इस बयान की कांग्रेस और भाजपा दोनों ने निंदा की है।
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा ने पीटर नवारो के विवादित बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि अमेरिका को इस तरह के निराधार बयान नहीं देने चाहिए। इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद सागरिका घोष ने कहा कि ब्राह्मण शब्द का इस्तेमाल अंग्रेजी बोलने वाली दुनिया में अमीरों के लिए किया जाता है। ऐसे में नवारो का बयान न केवल भ्रामक है, बल्कि उनकी अज्ञानता भी दिखा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने भी नवारो की टिप्पणी को गलत ठहराया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह बयान बताता है कि अमेरिका के बौद्धिक क्षेत्रों में भारत के प्रति किस तरह के पूर्वाग्रह हावी हैं। यह सोच सीधे तौर पर 19वीं सदी के जेम्स मिल जैसे औपनिवेशिक लेखकों की विरासत है।