नई दिल्ली। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर में भारी बारिश से हालात बिगड़ गए हैं। बुधवार को हुई तेज बारिश से दिल्ली की कई सड़कें डूब गईं। महानगर के कई निचले इलाकों में पानी भरने से लोगों को जरूरी सामान लेकर वहां से निकलना पड़ा है। एनसीआर के गाजियाबाद में तो एक मंजिल तक के मकान डूब गए। गुरुग्राम में लगातार दूसरे दिन स्थिति बिगड़ी रही। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर साढ़े तीन सौ से ज्यादा उड़ानें बारिश की वजह से प्रभावित हुईं।
दिल्ली के साथ साथ समूचे उत्तर भारत में बारिश की वजह से हालात खराब हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सहित पूरे उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में बुधवार को तेज बारिश हुई। कई दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण इन राज्यों में नदियां उफान पर है। बाढ़ के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार, इन राज्यों के कई हिस्सों में अगले 24 घंटे में तेज बारिश होने की आशंका है।
दिल्ली और एनसीआर के कुछ हिस्सों में सुबह की बारिश के बाद पुराने रेलवे पुल पर यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ज्यादा 207 मीटर तक पहुंच गया। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर साढ़े तीन सौ से ज्यादा उड़ानों में देरी हुई हैं। दिल्ली के निचले इलाकों में खास कर यमुना बाजार, ओल्ड उस्मानपुर, ओल्ड गढ़ी मेंडू, तिब्बती बाजार, मोनेस्ट्री मार्केट में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया है। बारिश के कारण इन इलाकों में बुधवार को सभी स्कूल बंद रखे गए।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 12 हजार से ज्यादा लोग घर छोड़ कर सुरक्षित जगहों पर गए हैं। उधर एनसीआर के गाजियाबाद में सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया। कारें आधी डूब गईं। बताया जा रहा है कि सात गांव बाढ़ की चपेट में हैं। कई जगह एक मंजिल तक घर डूब गए हैं। एनसीआर के नोएडा में बुधवार दोपहर अंधेरा छा गया और बाद में लगातार दो घंटे तेज बारिश हुई। नोएडा में यमुना का जलस्तर बढ़ने से करीब एक हजार फार्महाउस में पानी भर गया। वहां से लोगों को निकाला गया।
राजधानी दिल्ली और एनसीआर के अलावा उत्तर प्रदेश के मथुरा में बाढ़ से सैकड़ों परिवार प्रभावित हैं। आगरा में यमुना का पानी ताजमहल की चारदिवारी तक पहुंच गया है। शहर के कई घाट और पानी में डूब गए। उधर पंजाब में बुधवार को भी लगातार चौथे दिन तेज बारिश जारी रही। राज्य के 23 जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। राज्य के सभी स्कूल और कॉलेज सात सितंबर तक बंद करने का फैसला किया गया है। हरियाणा में झज्जर, हिसार, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और पंचकूला के कई हिस्सों में घरों में पानी घुस गया है। बाढ़ और बारिश की वजह से सैकड़ों स्कूल बंद किए गए हैं। उधर हिमाचल प्रदेश में बारिश और बाढ़ के कारण सैकड़ों सड़कें बंद हैं। पिछले 24 घंटे में कई मकान गिरे हैं और भूस्खलन से मौत भी हुई है। बुधवार की सुबह कुल्लू में भूस्खलन से दो लोगों की मौत हो गई। इससे पहले मंगलवार की शाम को मंडी के सुंदरनगर में दो घरों पर पहाड़ टूट कर गया। इस हादसे में मरने वालों की संख्या सात हो गई है।