अम्मान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिन की जॉर्डन यात्रा में दोनों देशों के बीच दोपक्षीय वार्ता हुई, जिसमें कारोबार दोगुना करने पर सहमति बनी। विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मोदी की जॉर्डन यात्रा पर की जानकारी देते हुए बताया कि भारत और जॉर्डन ने अगले पांच सालो में अपने दोपक्षीय व्यापार को दोगुना करके पांच अरब डॉलर यानी करीब 45 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। विदेश मंत्रालय की सचिव नीना मल्होत्रा ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि फर्टिलाइजर खासकर फॉस्फेट सहित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत जॉर्डन का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। उन्होंने कहा, ‘कारोबार की दुनिया में आंकड़ों का बहुत महत्व होता है। हम यहां सिर्फ आंकड़े गिनने नहीं आए हैं, बल्कि एक दीर्घकालिक रिश्ता बनाने आए हैं। एक समय था जब गुजरात से यूरोप तक पेट्रा के रास्ते व्यापार होता था। हमें अपने भविष्य की समृद्धि के लिए उन पुराने संबंधों को फिर से जीवित करना होगा’। मोदी ने कहा, ‘भारत और जॉर्डन दोनों अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व करते हैं। जॉर्डन और भारत, दोनों में सांस्कृतिक और विरासत पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं’।
अम्मान में भारत–जॉर्डन बिजनेस सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारत की विकास दर आठ प्रतिशत से ज्यादा है। यह उत्पादकता, बेहतर शासन और इनोवेशन पर आधारित नीतियों का नतीजा है’। मोदी ने कहा कि ‘जॉर्डन के निवेशकों और कारोबारियों के लिए नए अवसर के दरवाजे खुल रहे हैं’। प्रधानमंत्री की मौजूदगी में किंग अब्दुल्ला ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने जबरदस्त विकास किया है’। उन्होंने आगे कहा, ‘हम अपनी आर्थिक साझेदारी को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए आप सभी के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं।


