नई दिल्ली। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा का अस्तित्व अब खत्म हो जाएगा। उसकी जगह ग्रामीण रोजगार की नई योजना केंद्र सरकार ला रही है, जिसका नाम ‘विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ होगा। इसे संक्षेप में ‘वीबी जी राम जी’ कहा जाएगा। पिछले हफ्ते कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गई थी। सोमवार को यह विधेयक संसद के शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया। सरकार इस सत्र के बचे हुए चार दिनों में इसे पास करा कर कानून बनाएगी।
नई योजना के लिए लाए गए विधेयक में कहा गया है कि इसका मकसद ‘विकसित भारत 2047’ के राष्ट्रीय विजन के अनुरूप ग्रामीण विकास का नया ढांचा तैयार करना है। इस योजना में काम के दिनों की संख्या एक सौ से बढ़ा कर 125 दिन कर दी जाएगी। कांग्रेस ने सरकार के फैसले का विरोध किया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सवालिया लहजे में कहा कि महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा? सरकार की सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी ने इस विधेयक को लेकर पहली प्रतिक्रिया में कहा कि इससे राज्य सरकारों पर बोझ बढ़ेगा। हालांकि राज्य के वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इसे लागू करेगी।
इससे पहले 12 दिसंबर को खबर आई थी कि केंद्रीय कैबिनेट ने मनरेगा का नाम बदलकर पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना रखा है। तब भी इस पर सवाल उठे थे। अब इसकी अधिसूचना सामने आई है तो पता चला है कि इसका नया नाम ‘जी राम जी’ योजना है। बहरहाल, विधेयक में लिखे हुए उद्देश्य के मुताबिक, पिछले 20 वर्षों में मनरेगा ने ग्रामीण परिवारों को रोजगार दिया, लेकिन गांवों में हुए सामाजिक व आर्थिक बदलावों को देखते हुए इसे और मजबूत करना जरूरी है। इसका मकसद विकसित भारत 2047 के लक्ष्य के अनुरूप गांवों का समग्र विकास करना है।
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि मनरेगा को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। नया बिल साफ तौर पर 2005 के कानून मनरेगा को रद्द करने की बात करता है। नई योजना पूरी तरह से नए कानून के तहत बनेगी। नया कानून संसद से पास होने और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू होगा। बिल के मुताबिक, कानून लागू होने के छह महीने के भीतर राज्यों को अपनी नई योजना बनानी होगी। इसमें कहा गया है कि 125 दिन का रोजगार गारंटी के रूप में दिया जाएगा, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। जैसे परिवार ग्रामीण क्षेत्र का होना चाहिए, वयस्क सदस्य बिना कौशल वाला श्रम करने को तैयार हों और काम सरकार द्वारा तय सार्वजनिक कार्यों में ही मिलेगा।


