नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल ने विकसित भारत के रास्ते में न्यायिक प्रणाली को सबसे बड़ी बाधा बताया है। उन्होंने कहा कि कई कानून ऐसे हैं, जो समस्या को आसान की बजाय जटिल बना देते हैं। सान्याल ने कोर्ट में माई लॉर्ड जैसे शब्द के इस्तेमाल पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने अदालतों में महीनों तक छुट्टी होने पर भी सवाल उठाया।
संजीव सान्याल ने कहा, ‘न्यायपालिका भी राज्य के किसी भी अन्य हिस्से की तरह एक सार्वजनिक सेवा है। क्या आप पुलिस विभाग या अस्पतालों को महीनों तक बंद रख सकते हैं’? संजीव सान्याल ने दिल्ली में भारतीय महाधिवक्ता के सम्मेलन में ‘2047 में विकसित भारत के लिए भारत के कानूनी आधार की पुनर्कल्पना’ विषय पर भाषण देते हुए ये बातें कहीं।
सान्याल ने यह भी कहा कि भारत की सबसे बड़ी दिक्कत कानून और न्याय को समय पर लागू न कर पाना है। उन्होंने कहा, ‘हमारे देश में समझौते और न्याय समय पर पूरे नहीं होते। इस वजह से भले ही हम सड़कों, इमारतों या शहरों पर बहुत पैसा खर्च करें, असली विकास रुक जाता है’। उन्होंने ’99-1 समस्या’ का जिक्र किया और कहा, ‘असल में सिर्फ एक फीसदी लोग नियमों का गलत इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्योंकि हमें भरोसा नहीं है कि अदालतें ऐसे मामलों को जल्दी सुलझा देंगी, तो सरकार सारे नियम ऐसे बनाती है कि उस एक फीसदी को भी रोका जा सके। नतीजा ये होता है कि बाकी 99 फीसदी ईमानदार लोग भी उन जटिल नियमों में फंस जाते हैं’।