नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और अभी तक दोनों गठबंधन सीट बंटवारे का फॉर्मूला नहीं तय कर पा रहे हैं। बिहार में जनता दल यू, हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेताओं के साथ बैठक के बाद भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान दिल्ली लौटे और मंगलवार को उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान से मुलाकात की। उनके साथ बिहार के प्रभारी विनोद तावड़े और पिछली बार चिराग के साथ सीट बंटवारा कराने में अहम भूमिका निभाने वाली मंगल पांडेय भी मौजूद थे। लेकिन बताया जा रहा है कि चिराग भाजपा की ओर से ऑफर की जा रही सीटों पर राजी नहीं हो रहे हैं।
बताया जा रहा है कि चिराग पासवान की पार्टी 40 सीटों की मांग कर रही है, जबकि भाजपा उन्हें 25 सीटों तक सीमित रखने के पक्ष में है। इस खींचतान को सुलझाने के लिए मंगलवार को धर्मेंद्र प्रधान ने चिराग पासवान से मीटिंग की। बताया जा रहा है कि करीब 40 मिनट की इस मुलाकात में चिराग ने पिछले लोकसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन के आधार पर सीटों की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि 2020 में जब वे अकेले लड़े थे तो उन्हें जो मत मिला था उसको भी आधार बनाया जाना चाहिए। अभी लोजपा के पास लोकसभा की पांच सीटें हैं और वे हर सीट में कम से कम दो विधानसभा सीटों की मांग कर रहे हैं।
इसके अलावा वे पिछली बार जीती मटिहानी की सीट मांग रहे हैं। अपने बहनोई के लोकसभा क्षेत्र जमुई में सिकंदरा और चकाई सीट पर उनकी नजर है। वे गायघाट, जगदीशपुर, दिनारा जैसी सीटें भी मांग रहे हैं। गोविंदगंज की सीट वे अपने प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी के लिए चाह रहे हैं। ये सारी सीटें जदयू, भाजपा और हम के खाते में हैं। उधर हम के नेता और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी भी 15 से कम सीटों पर राजी नहीं हो रहे हैं, जबकि उन्हें अधिकतम 10 सीट का प्रस्ताव दिया गया है। बताया जा रहा है कि बुधवार को पटना में बैठक होगी, जिसमें सीट बंटवारे के बारे में फैसला हो सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा और जदयू के बीच एक एक सौ सीट लड़ने पर सहमति बन गई है।


