नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति पद के लिए मंगलवार, नौ सितंबर को मतदान होगा और शाम तक नतीजों की घोषणा हो जाएगी। उससे पहले सोमवार को दोनों गठबंधनों ने चुनाव की तैयारियां कीं और मतदान का अभ्यास किया। चुनाव से पहले एनडीए को बड़ी राहत मिली है क्योंकि बीजू जनता दल और भारत राष्ट्र समिति ने मतदान में शामिल नहीं होने का ऐलान किया है। इन दोनों पार्टियों के पास लोकसभा सांसद नहीं हैं, लेकिन राज्यसभा में इनके 11 सांसद हैं। ये सभी 11 सांसद गैरहाजिर रहेंगे। ध्यान रहे ये दोनों पार्टियां भाजपा की विरोधी हैं। लेकिन विपक्षी गठबंधन से भी अलग हैं।
एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है। उनका मुकाबला विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी से है। इस बार उप राष्ट्रपति का चुनाव पहले के मुकाबले नजदीकी होगा क्योंकि पिछली दो लोकसभाओं के मुकाबले इस बार 18वीं लोकसभा में भाजपा के सांसदों की संख्या कम है और उसके सहयोगियों की संख्या भी कम है। पहले के मुकाबले विपक्षी सांसदों की संख्या लोकसभा में बढ़ी है। फिर भी एनडीए के उम्मीदवार की जीत पक्की है। अभी उप राष्ट्रपति के इलेक्टोरल कॉलेज में कुल 781 सदस्य हैं और बहुमत का आंकड़ा 391 का है, जबकि सरकार के पास 430 से ज्यादा की संख्या है।
गौरतलब है कि 21 जुलाई को अचानक तत्कालीन उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के ठीक 50 दिन बाद देश को नया उप राष्ट्रपति मिलेगा। उप राष्ट्रपति चुनाव से पहले दिल्ली में सोमवार को भाजपा और विपक्षी गठबंधन ने अपने अपने सांसदों को वोटिंग की प्रक्रिया समझाई। विपक्षी गठबंधन ने सोमवार को दिल्ली के संसद भवन के सेंट्रल हॉल में बैठक की और मॉक पोल सेशन किया। इसमें कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव, सहित विपक्ष के तमाम सांसद और नेता मौजूद रहे।
विपक्षी सांसद मतदान प्रक्रिया में कोई गलती न करें इसलिए मॉक पोल सेशन के जरिए वोट डालने की पूरी प्रक्रिया को दोहराया गया। इस दौरान सांसदों को बैलेट पेपर पर वोट डालने से लेकर मतपेटी तक की हर एक प्रक्रिया समझाई गई। भाजपा ने सांसदों के साथ रविवार को भी कार्यशाला की थी और सोमवार को उसने भी सभी सांसदों को मतदान की प्रक्रिया समझाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरे दिन भी कार्यशाली में शामिल हुए। बहरहाल, मतदान नौ सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक संसद भवन में होगा। वोटों की गिनती शाम छह बजे से होगी एक घंटे में नतीजे की घोषणा हो जाएगी। मतदान की प्रक्रिया में हर सांसद को विशेष पेन से बैलेट पर पहली वरीयता दर्ज करनी होगी। ऐसा न करने पर वोट अमान्य होगा। हर वोट का मूल्य एक समान होगा। 2017 में 11 और 2022 में 15 वोट अमान्य हुए थे।


