पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने के बाद भारत ने दुनिया के अनेक देशों को इस बारे में खुद जानकारी दी है। दुनिया के ज्यादातर देशों ने भारत की कार्रवाई का समर्थन किया है या समर्थन नहीं किया है तो विरोध भी नहीं किया है। चीन और तुर्किए ने जरूर भारत की कार्रवाई पर सवाल उठाया और पाकिस्तान का समर्थन किया। भारतीय वायु सेना की कार्रवाई के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल ने कई देशों के अपने समकक्षों और विदेश मंत्रियों से बात की और पाकिस्तान व पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमले की जानकारी दी।
डोवाल ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ब्रिटेन के एनएसए जोनाथन पॉवेल, सऊदी अरब के मुसईद अल अइबान, संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई के शेख तहनून और अली अल शम्सी, जापान के मसाताका ओकानो, रूस के सर्गेई शोइगु, चीन के वांग यी और फ्रांस के राष्ट्रपति के सलाहकार एमैनुएल बॉन से संपर्क किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पेन के विदेश मंत्रीर जोसे मैनुअल अल्बारेस से बात की। भारत में इजराइल के राजदूत रूवेन अजार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ‘इजराइल, भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का पूरी तरह समर्थन करता है’।
भारत को ऑपरेशन सिंदूर पर समर्थन
इस बीच ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भारत का समर्थन करते हुए कहा कि किसी भी देश को यह स्वीकार नहीं करना चाहिए कि उसकी सरजमीं पर किसी और देश से आतंकी हमले किए जाएं। सुनक ने भारत के जवाबी हमलों को सही ठहराते हुए कहा, ‘भारत का आतंकियों के ढांचे पर हमला करना पूरी तरह जायज है। आतंकवादियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए’। ईरान ने भारत व पाकिस्तान के बीच तनाव को लेकर गहरी चिंता जताई है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाकेई ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की। कतर ने भी तनाव पर चिंता जताई और कहा कि मामले को डिप्लोमैटिक तरीके से हल किया जाए।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाकिस्तान की सीमा में स्थित आतंकवादी शिविरों पर भारत की एयर स्ट्राइक पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है। हम मौजूदा हालात को लेकर चिंतित हैं। प्रवक्ता ने कहा कि चीन आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करता है। हम दोनों पक्षों से अपील करते हैं कि वे शांति और स्थिरता को प्राथमिकता दें। उधर तुर्किए के राजदूत ने विदेश मंत्री इशाक डार से मुलाकात कर पाकिस्तान के साथ एकजुटता दोहराई। तुर्की के राजदूत ने इसे पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन माना और निर्दोष लोगों की मौत पर शोक जताया।
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