पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में एनडीए को भारी बहुमत मिला है और महागठबंधन की सूपड़ा साफ हो गया है। भाजपा और जनता दल यू के सभी बड़े नेता चुनाव जीत गए हैं। महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के घोषित दावेदार तेजस्वी यादव भी चुनाव जीत गए हैं। हालांकि वोटों की गिनती के दौरान कई बार वे पिछड़े। लेकिन अंत में वे करीब 13 हजार वोट से जीत गए। उनके भाई तेज प्रताप यादव भी चुनाव हार गए हैं। चुनाव हारने के बाद उन्होंने अपने छोटे भाई तेजस्वी पर बड़ा हमला बोला और कहा कि वे ‘फेलस्वी’ हैं। उनकी पार्टी ने फेसबुक पोस्ट में नरेंद्र मोदी को विश्व का सबसे बड़े नेता बताते हुए कहा कि जयचंदों ने राजद को खोखला कर दिया।
बहरहाल, नीतीश कुमार की सरकार मंत्रियों में एक सुमित सिंह को छोड़ कर सब चुनाव जीत गए। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी 45 हजार के करीब वोट से जीते। दूसरे उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा कड़े मुकाबले में भी फंसे थे लेकिन वे भी जीत गए। दानापुर की प्रतिष्ठा की लड़ाई में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव चुनाव जीत गए। उन्होंने जेल में बंद बाहुबली रीतलाल यादव को हराया। जेल में बंद दूसरे बाहुबली अनंत सिंह मोकामा सीट से चुनाव जीत गए।
छपरा सीट से भोजपुरी कलाकार और राजद प्रत्याशी खेसारी लाल यादव चुनाव हार गए, जबकि अलीनगर से भोजपुरी गायिका और भाजपा प्रत्याशी मैथिली ठाकुर ने जीत दर्ज की। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ मंत्री मंगल पांडेय सीवान सीट पर जीत गए। ओलंपिक में हिस्सा ले चुकी भाजपा प्रत्याशी श्रेयसी सिंह जमुई से चुनाव जीत गई हैं। एक बड़ा उलटफेर यह देखने को मिला कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम कुटुंबा सीट पर और कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान कदवा सीट पर चुनाव हार गए। रघुनाथपुर सीट पर शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब ने जीत दर्ज की।
शुक्रवार को हुई मतगणना के दौरान एकाध छिटपुट घटनाओं को छोड़ कर किसी गड़बड़ी की सूचना नहीं मिली। कैमूर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर काउंटिंग थोड़ी देर रुकी रही। बसपा के सतीश यादव का आरोप था कि वोटों की गिनती में गड़बड़ी हुई है। वे बैलट पेपर की गिनती फिर से चाहते थे। गिनती रूकने पर बसपा समर्थक सड़क पर उतर गए थे और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।


