नई दिल्ली। भारतीय राजनीति और शेयर बाजार में भूचाल लाने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड यानी सेबी ने खारिज कर दिया है। सेबी ने हिंडनबर्ग के लगाए सारे आरोपों को गलत बताया है और अडानी समूह को क्लीन चिट दी है। गुरुवार को आई रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी समूह ने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है और न कोई हेराफेरी की है।
गौरतलब है कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने गौतम अडानी और उनकी कंपनियों पर शेयर बाजार में हेराफेरी के आरोप लगाए थे। 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडानी समूह पर धनशोधन से लेकर शेयरों में हेराफेरी जैसे कई आरोप लगाए गए थे। इससे दो दिन के भीतर अडानी समूह के शेयरों की मार्केट वैल्यू एक लाख करोड़ रुपए कम हो गई थी।
हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर शेयरों में हेराफेरी, फंड के गलत इस्तेमाल, कई लेन देन छिपाने और गलत ट्रेडिंग के आरोप लगाए थे। सेबी की जांच में ये आरोप सही नहीं पाए गए। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि अडानी की कंपनियों के लेन देन में सेबी के नियमों, लिस्टिंग नियमों या अन्य नियमों का कोई उल्लंघन नहीं हुआ। गुरुवार को जारी जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी पोर्ट्स से अदागी कॉर्प को दिए गए फंड्स को अडानी पावर को लोन दिया गया था, जो ब्याज सहित पूरा चुका दिया गया। कोई फंड गलत इस्तेमाल, धोखाधड़ी या गलत फायदा नहीं पाया गया।