पटना। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग पर लगातार हमला कर रहे विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को आयोग के ऊपर बेहद आपत्तिजनक और अभ्रद टिप्पणी की। रविवार को विपक्षी गठबंधन की ओर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गय़ा था, जिसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग के सूत्रों को ‘मूत्र’ बताया। गौरतलब है कि सूत्रों के हवाले से यह खबर आई थी कि मतदाता सूची में बड़ी संख्या में विदेशी नागरिकों के नाम हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि वह ऐसे नाम हटा देगा।
तेजस्वी यादव ने रविवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर एक फीसदी मतदाताओं का भी नाम कटा तो यह बिहार के नतीजों पर असर डालेगा। उन्होंने कहा कि बिहार में करीब सात करोड़ 96 लाख मतदाता हैं और एक फीसदी भी नाम कटा तो वह बहुत होगा और उसका असर नतीजों पर होगा। उन्होंने बताया कि एक फीसदी भी नाम कटा तो हर विधानसभा में औसतन 32 सौ नाम कट जाएंगे।
असल में चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक बिहार की मतदाता सूची में नेपाल, म्यांमार और बांग्लादेश के नागरिकों के नाम होने की खबर आई है। इस बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने कहा, ‘चुनाव आयोग खुद सामने आने की बजाय सूत्रों के हवाले से खबर प्लांट करवा रहा है। ये वही सूत्र है जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस्लामाबाद, लाहौर और कराची पर कब्जा कर चुके थे। इसलिए हम ऐसे सूत्र को मूत्र समझते हैं’। भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यू और एनडीए में शामिल अन्य दलों ने तेजस्वी के इस बयान की निंदा की है और बौखलाहट बताया है।
गौरतलब है कि बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम चल रहा है। इस दौरान चुनाव आयोग के अधिकारियों का दावा है कि बिहार में बड़ी तादाद में विदेशी हैं। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा है, ‘हमने मतदाता सूची पुनरीक्षण के लिए घर घर जाकर दौरे किए। इस दौरान हमें नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार से आए लोग बड़ी संख्या में मिले हैं’। यह भी कहा गया है कि एक अगस्त के बाद ऐसे लोगों की जांच होगी और 30 सितंबर को प्रकाशित होने वाली आखिरी मतदाता सूची में अवैध प्रवासियों के नाम शामिल नहीं किए जाएंगे।


