काबुल। अफगानिस्तान में भूकंप से मरने वालों की संख्या 14 सौ से ज्यादा हो गई है, जबकि घायलों का आंकड़ा 33 सौ से ज्यादा पहुंच गई है। खबरों के मुताबिक तालिबान शासन ने मरने वालों का आंकड़ा जारी किया है। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में जलालाबाद के पास रविवार रात रिक्टर स्केल पर छह की तीव्रता का भूकंप आया था। इस वक्त ज्यादातर लोग सो रहे थे, इस वजह से वे इमारतों के मलबे में दब गए।
इस भीषण भूकंप के बाद अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने दुनिया भर से मदद मांगी हैं। इसके बाद भारत ने मदद के लिए एक हजार टेंट काबुल भेजे हैं। साथ ही, 15 टन खाने का सामान काबुल से कुनार भेजा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भारत आगे भी राहत सामग्री भेजेगा। ध्यान रहे 2021 में तालिबान सरकार बनने के बाद अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने अफगानिस्तान की मानवीय सहायता रोक दी थी।
अफगानिस्तान की अपील के बाद भारत के अलावा चीन और ब्रिटेन जैसे देशों ने भी मदद भेजी है। ब्रिटेन ने भूकंप से प्रभावित परिवारों की मदद के लिए एक मिलियन पाउंड यानी करीब 10 करोड़ की इमरजेंसी फंड का ऐलान किया है। वहीं, चीन ने कहा कि वह अफगानिस्तान की जरूरतों और अपनी क्षमता के मुताबिक उसकी मदद करेंगे।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक भूकंप दो लाख की आबादी वाले जलालाबाद शहर से करीब 17 मील दूर नांगरहार प्रांत में आया। जहां कई गांव मलबे में बदल गए। यह इलाका राजधानी काबुल से डेढ़ सौ किलोमीटर दूर है। यह एक पहाड़ी इलाका है। जो भूकंप के लिए रेड जोन माना जाता है। जहां सहायता पहुंचाना भी मुश्किल है। सबसे ज्यादा मौत कुनार प्रांत में होने की खबर है। वहां सोमवार को 4.6 तीव्रता का एक और भूकंप आया। भूकंप के झटके पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और पंजाब प्रांत में भी महसूस हुए। भारत के गुरुग्राम में भी हल्के झटके महसूस किए गए।