नई दिल्ली। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ में बह गए लोगों की तलाश दूसरे दिन भी जारी है। दूसरे दिन तक पांच लोगों के मरने की पुष्टि हुई है और 50 से ज्यादा लोग लापता हैं। खीरगंगा नदी में अचानक आई बाढ़ से एक पूरा धराली कस्बा बह गया, जिसमें कई होटल और मकान ध्वस्त हो गए। दूसरे दिन बुधवार को भी कई इलाकों में बारिश और भूस्खलन का सिलसिला जारी रहा। बुधवार को पौड़ी में बादल फटने से दो महिलाएं दब गईं, जिनमें से एक का शव मिल गया है। उधर हिमाचल प्रदेश में मंगलवार रात से जारी भारी बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में सालाना होने वाली किन्नर कैलाश यात्रा पर गए दो श्रद्धालुओं की बाढ़ में बहने से मौत हो गई। अचानक आई बाढ़ से यात्रा रूट पर दो पुल भी बह गए। बाकी का रास्ता भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जिसके कारण यात्रा रोक दी गई है। भारत तिब्बत सीमा पुलिस यानी आईटीबीपी की टीम राहत व बचाव कार्य में लगी है। उसने चार सौ से ज्यादा यात्रियों को बचाया।
इस बीच मंगलवार की रात को चंडीगढ़ से मनाली नेशनल हाईवे पर भी भूस्खलन हुआ। सड़कों पर बड़ी बड़ी चट्टान गिरने से राज्य में पांच सौ से ज्यादा सड़कें बंद हैं। शिमला, मंडी, सोलन और कुल्लू जिले में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। उत्तराखंड में बुधवार को भी भारी बारिश जारी है। पौड़ी जिले में बादल फटा है। यहां के बुरांसी गांव में मलबा गिरने से दो महिलाएं दब गईं। इनमें से एक महिला का शव बरामद हो चुका है, जबकि दूसरी की तलाश जारी है। वहीं, बाकुंडा गांव में भी बादल फटा, जहां पांच नेपाली मजदूरों के बहने की सूचना है।