nayaindia madhya pradesh assembly election मजबूत रहेगा विपक्ष

मजबूत रहेगा विपक्ष

भोपाल। प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भारी मतदान होने के बाद जीत – हार को लेकर विभिन्न प्रकार के दावे सामने आ रहे हैं और अधिकांश का मानना यही है कि प्रदेश में कांटे का मुकाबला है। ऐसे में इतना तय है कि सरकार में कोई भी आए विपक्ष बहुत मजबूत रहेगा।
दरअसल, 2018 की विधानसभा चुनाव में बेहद करीबी मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच हुआ था कांग्रेस ने बसपा, सपा और निर्दलीयों के सहयोग से सरकार बना ली थी लेकिन 109 विधायकों के साथ भाजपा बेहद मजबूत विपक्षी दल के रूप में सामने था।

सदन के अंदर तीन बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और आठ बार का चुनाव जीत चुके नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव विपक्षी दल का नेतृत्व कर रहे थे और भी वरिष्ठ विधायक नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, राजेंद्र शुक्ला, विश्वास सारंग सदन के अंदर और बाहर विपक्ष को मजबूती देते रहे और अंदर ही अंदर सरकार को कमजोर करते रहे और अंततः डेढ़ वर्ष के बाद कांग्रेस की सरकार गिर गई और भाजपा की सरकार फिर से सत्ता पर काबिज़ हो गई। तब से ही कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गयी। पार्टी के रणनीतिकारों की अंततः कोशिश यही रही कि इस बार इतना अधिक बहुमत आए जिससे कोई आसानी से सरकार न गिरा सके। वहीं दूसरी तरफ भाजपा 2018 की गलतियों से सबक लेकर इस बात की तैयारी करती रही कि इस बार पूर्ण बहुमत की सरकार फिर से प्रदेश में लाना है।

बहरहाल, प्रदेश में चुनाव संपन्न हो चुके हैं और जीत – हार के नित नये आंकलन सामने आ रहे हैं। जिसमें भाजपा और कांग्रेस सरकार बनाने के दावे कर रही है लेकिन सरकार किसी भी दल की बने यह भी तय हो गया है कि विपक्ष बहुत मजबूत रहेगा। यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो भाजपा कि विपक्ष में रहने पर उसके तमाम दिग्गज नेता चुनावी मैदान में है लगभग एक दर्जन नेता मुख्यमंत्री या नेता प्रतिपक्ष के दावेदार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से जितने भी जीतेंगे वह विपक्ष की भूमिका के लिए महत्वपूर्ण माने जाएंगे। कोई भी सर्वे या आंकलन भाजपा को कम से कम 100 सीटों के आस-पास सीटें दे रहे हैं और 230 विधायकों के सदन में यदि 90 विधायक की विपक्ष में है तो एक मजबूत विपक्ष माना जाएगा। वहीं दूसरी ओर यदि भाजपा सत्ता में आती है और कांग्रेस विपक्ष में रहती है तो कांग्रेस के पास भी ऐसे नेताओं की फेरहिस्त है जो विपक्ष की भूमिका में सरकार के लिए मुश्किलें पैदा कर सकते हैं किसी भी सर्वे या आकलन में कांग्रेस को भी 100 सीटों से कम नहीं दे रहे हैं।

कुल मिलाकर सरकार किसी की भी बने इतना तय है की प्रदेश में एक बार फिर सदन के अंदर मजबूत विपक्ष जरूर रहेगा जिससे कि टकराव की संभावनाएं सदन के अंदर और सदन के बाहर बनी रहेगी।

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