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अमेरिका ने नाक में दम किया हुआ !

भारत और अमेरिका के संबंधों में एक पल में लगता है कि सब कुछ ठीक हो रहा है और दूसरे ही पल सब ढाक के तीन पात हो जाता है। अमेरिका का व्यापार प्रतिनिधिमंडल भारत आया और भारत के उद्योग व वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ सात घंटे की बातचीत करके लौटा। कहा गया कि बातचीत काफी सकारात्मक हुई है। जल्दी ही व्यापार संधि के छठे दौर की बातचीत शुरू होगी। जिस दिन व्यापार वार्ता हुई उसी दिन यानी 16 सितंबर की रात को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और जन्मदिन की बधाई दी। मोदी ने भी ‘अपने दोस्त’ की बधाई पर खुशी जताई और उनको धन्यवाद दिया। दोनों ने भारत और अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने का संकल्प भी जाहिर किया। तब ऐसा लगा कि अब सब कुछ ठीक हो जाएगा।

लेकिन इसके एक दिन के बाद ही राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को दुनिया के सबसे बड़े ड्रग्स उत्पादन और तस्करी करने वाले 23 देशों की श्रेणी में शामिल कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत वेनेजुएला, बोलीविया, कोलंबिया किस्म का देश है, जहां से ड्रग्स का उत्पादन होता है और तस्करी होती है, जिससे अमेरिका में लोगों का जीवन खतरे में पड़ता है। उन्होंने कहा कि भारत एक ठिकाना है, जहां ट्रांजिट के दौरान यानी अमेरिका भेजे जाने के दौरान ड्रग्स रखे जाते हैं। भारत के रास्ते ड्रग्स की तस्करी होती है। अभी इस अपमान को देश को लोग समझते उससे पहले ही अमेरिका ने एक और झटका दिया। उसने ईरान के चाबहार बंदरगाह को पाबंदी के दायरे में ला दिया। गौरतलब है कि अमेरिका ने ईरान पर पाबंदी लगा रखी है और दुनिया के देशों को भी चेतावनी दी है कि ईरान से कारोबार करने वालों पर कार्रवाई होगी। लेकिन उसने भारत के लिए चाबहार बंदरगाह को पाबंदी से बाहर रखा था। भारत ने इस बंदरगाह के निर्माण में करीब पांच हजार करोड़ रुपए का निवेश किया है।

चाबहार बंदरगाह भारत के लिए बहुत अहम है। भारत उस बंदरगाह के एक शाहिद टर्मिनल का संचालन भी करता है और वहां का सबसे बड़ा फायदा यह है कि पाकिस्तान को बाईपास करके भारत को अफगानिस्तान और मध्य एशिया और मध्य पूर्व एशिया के देशों तक पहुंच मिलती है। हाल ही में भारत ने चाबहार बंदरगाह के जरिए कारोबार की एक संधि उज्बेकिस्तान के साथ की थी। लेकिन अब इस बंदरगाह से होने वाला पूरा कारोबार संकट में पड़ गया। अमेरिका ने कहा है कि 29 सितंबर से वह पाबंदी लागू करेगा और चाबहार बंदरगाह के अपने कामकाज का संचालन करने वाली कंपनियों की संपत्तियां जब्त की  जाएंगी। अमेरिका ने कहा है कि उसके साथ कामकाज करने वाले व्यक्तियों के ऊपर अलग से कार्रवाई होगी।

मोदी को जन्मदिन की बधाई देने के लिए ट्रंप के फोन कॉल करने से पहले संबंधों में सुधार का एक संकेत तब मिला था, जब भारत की ओर से नियुक्त लॉबिस्ट ने ट्रंप से मुलाकात की थी और ट्रंप ने भारत के लिए अच्छी अच्छी बातें कही थीं। उसी समय ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना दोस्त बताते हुए कहा था कि जल्दी ही वे मोदी से बात करेंगे। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने बड़ी गर्मजोशी से उनके सद्भाव का जवाब दिया था। लेकिन इसके तुरंत बाद उनके वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारत के प्रति जो रवैया दिखाया वह हैरान करने वाला था। बेसेंट में अमेरिका में हुई जी 7 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक में कहा कि वे भारत के ऊपर अतिरिक्त टैरिफ लगाएं ताकि रूस पर दबाव डाला जा सके। इतना ही नहीं बेसेंट ने यूरोपीय संघ की बैठक में भी वहां के वित्त मंत्रियों से कहा कि रूस के साथ कारोबार करने वाले देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाए। उन्होंने खासतौर से भारत और चीन का नाम लिया।

उससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत के खिलाफ जैसी जैसी टिप्पणियां की थीं, वह हैरान करने वाली थी। उन्होंने तो भारत को मनी लॉन्ड्रिंग कर ने वाला देश बताया। नवारो ने कहा कि रूस और उसके राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के काले धन को भारत सफेद कर रहा है। सो, अमेरिका ने अपने मित्र देश भारत को मनी लॉन्ड्रिंग करने वाला और ड्रग्स की तस्करी करने वाला देश बताया है। सोचें, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को अमेरिका लैटिन अमेरिकी देशों की श्रेणी में पहुंचा रहा है। कथित तस्करी के मामले में तो  अमेरिका ने कार्रवाई भी शुरू कर दी है। दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि उसने कुछ बिजनेस एक्जिक्यूटिव्स और व्यापार से जुड़े लोगों के वीजा रद्द कर दिए हैं। इन कारोबारियों को आगे भी वीजा देने से अमेरिका ने इनकार कर दिया है।

अमेरिकी दूतावास का कहना है कि ये लोग कथित रूप से फेंटानिल बनाने वाले रसायनों की तस्करी से जुड़े हैं। अमेरिकी दूतावास की ओर से हालांकि कंपनियों और व्यक्तियों के नाम नहीं बताए गए हैं। इन सबसे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत के ऊपर जैसे को तैसा टैरिफ के नियम के तहत 25 फीसदी और रूस के साथ कारोबार करने की वजह से अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाया वह अपनी जगह है। अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ की वजह से भारत को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है। अकेले आंध्र प्रदेश ने कहा है कि उसे 25 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। अगर व्यापार वार्ता नहीं होती है और टैरिफ जारी रहता है तो भारत के निर्यातकों को बहुत बड़ा नुकसान होगा और हजारों नौकरियां खतरे में पड़ेंगी। हालांकि सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार नागेश्वरन ने कहा है कि नवंबर के अंत तक टैरिफ खत्म हो जाएगा।

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By हरिशंकर व्यास

मौलिक चिंतक-बेबाक लेखक और पत्रकार। नया इंडिया समाचारपत्र के संस्थापक-संपादक। सन् 1976 से लगातार सक्रिय और बहुप्रयोगी संपादक। ‘जनसत्ता’ में संपादन-लेखन के वक्त 1983 में शुरू किया राजनैतिक खुलासे का ‘गपशप’ कॉलम ‘जनसत्ता’, ‘पंजाब केसरी’, ‘द पॉयनियर’ आदि से ‘नया इंडिया’ तक का सफर करते हुए अब चालीस वर्षों से अधिक का है। नई सदी के पहले दशक में ईटीवी चैनल पर ‘सेंट्रल हॉल’ प्रोग्राम की प्रस्तुति। सप्ताह में पांच दिन नियमित प्रसारित। प्रोग्राम कोई नौ वर्ष चला! आजाद भारत के 14 में से 11 प्रधानमंत्रियों की सरकारों की बारीकी-बेबाकी से पडताल व विश्लेषण में वह सिद्धहस्तता जो देश की अन्य भाषाओं के पत्रकारों सुधी अंग्रेजीदा संपादकों-विचारकों में भी लोकप्रिय और पठनीय। जैसे कि लेखक-संपादक अरूण शौरी की अंग्रेजी में हरिशंकर व्यास के लेखन पर जाहिर यह भावाव्यक्ति -

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