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यूनिवर्सिटी चुनाव से भी फीका माहौल!

डूंगरपुर-बाँसवाड़ा। राजस्थान के इस आदिवासी इलाके में न होर्डिंग हैं, न झंडे और ना ही शोरगुल। शहर में चुनावी सन्नाटा है! मूड कहीं नज़र नहीं आता। बांसवाड़ा के लोग कहते हैं, “इससे ज्यादा इलेक्शन मूड तो यूनिवर्सिटी चुनाव में होता है।” भाजपा इन दो जिलों में योगी से लेकर वसुंधरा तक अपने स्टार प्रचारकों को भेज चुकी है। जबकि कांग्रेस अपेक्षाकृत शांत-निष्क्रिय रही। केवल मुख्यमंत्री गहलोत तीन दिन पहले इस इलाके के कुशलगढ़ आये थे।

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एक स्थानीय पत्रकार का दावा है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों अपने-अपने आतंरिक कारकों और दूसरी पार्टी में गुटबाजी के भरोसे हैं। भारतीय ट्राइबल पार्टी, जो अब भारतीय आदिवासी पार्टी है, इस आदिवासी अंचल के सुदूर गांवों पर अपना ध्यान केन्द्रित किए हुए है। लोगों में गहलोत के प्रति प्रशंसा भाव दिलचस्प है। यहाँ की आबादी को गहलोत की कल्याण योजनाओं से फायदा हुआ है और केवल इस कारण ही कांग्रेस के सभी उम्मीदवार उम्मीदों में है। स्थानीय उम्मीदवारों को भरोसा है कि गहलोत उनकी नैया पार लगा देंगे।

कुल मिलाकर राजस्थान चुनावों का कवरेज करना सचमुच दिलचस्प है तो पहेलीनुमा भी। इस पर कुछ और बाते कल। (अमरीश हरदेनिया)

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By श्रुति व्यास

संवाददाता/स्तंभकार/ संपादक नया इंडिया में संवाददता और स्तंभकार। प्रबंध संपादक- www.nayaindia.com राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति के समसामयिक विषयों पर रिपोर्टिंग और कॉलम लेखन। स्कॉटलेंड की सेंट एंड्रियूज विश्वविधालय में इंटरनेशनल रिलेशन व मेनेजमेंट के अध्ययन के साथ बीबीसी, दिल्ली आदि में वर्क अनुभव ले पत्रकारिता और भारत की राजनीति की राजनीति में दिलचस्पी से समसामयिक विषयों पर लिखना शुरू किया। लोकसभा तथा विधानसभा चुनावों की ग्राउंड रिपोर्टिंग, यूट्यूब तथा सोशल मीडिया के साथ अंग्रेजी वेबसाइट दिप्रिंट, रिडिफ आदि में लेखन योगदान। लिखने का पसंदीदा विषय लोकसभा-विधानसभा चुनावों को कवर करते हुए लोगों के मूड़, उनमें चरचे-चरखे और जमीनी हकीकत को समझना-बूझना।

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