संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है। इस सत्र में भारी हंगामे और बाधा की संभावना है। सत्र 21 जुलाई से शुरू होने वाला है लेकिन कांग्रेस संसदीय बोर्ड की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 15 जुलाई को ही मीटिंग की और सत्र की रणनीति बनाई। इस बैठक में शशि थरूर शामिल नहीं हुए। कहा गया कि वे यात्रा कर रहे हैं। उनके अलावा गौरव गोगोई और मनिक्कम टैगोर भी मौजूद नहीं थे। संसद के इस सत्र में सबकी नजर शशि थरूर पर रहेगी। वे कांग्रेस की ओर से सबसे अच्छे वक्ताओं में से एक हैं। वे हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में बहुत अच्छा बोलते हैं और हमेशा तार्किक तरीके से सरकार को घेरते रहे हैं। लेकिन अब उनके तेवर बदले हुए हैं।
तभी यह देखना होगा कि किसी मसले पर कांग्रेस की ओर से उनको बोलने के लिए कहा जाता है या नहीं। वे चौथी बार के सांसद हैं। अगर उनको बोलने नहीं दिया जाता है तो इस पर भी सवाल उठेंगे और अगर बोलने दिया जाता है तो वे क्या बोलते हैं वह सुनना भी दिलचस्प होगा। अगर कांग्रेस मौका नहीं देती है तब भी स्पीकर उनको बोलने का मौका दे सकते हैं। ध्यान रहे वे लगातार इस कोशिश में हैं कि उनको पार्टी विरोधी बता कर कांग्रेस निकाल दे तो वे स्वतंत्र होकर राजनीति करें और सदस्यता गंवाने का खतरा टल जाए। संसद का यह सत्र इस मामले में फैसला करने वाला होगा कि शशि थरूर की आगे की राजनीति कैसी होगी।