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चुप रहने से क्या जायसवाल का मामला थम जाएगा

बिहार के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल मुश्किल में फंसे हैं। जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर उनके खिलाफ लगातार हमले कर रहे हैं। उन्होंने जायसवाल के ऊपर सीमांचल के इलाके में अल्पसंख्यक सिख समुदाय का मेडिकल कॉलेज हड़प लेने का आरोप लगाया। मेडिकल कॉलेज के संचालक की रहस्यमय हत्या का मुद्दा उठाया और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार यात्रा से ठीक पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस करके और गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बिहार के 50 नेताओं की सूची जारी की है, जिनको बच्चों को दिलीप जायसवाल के मेडिकल कॉलेज से डिग्री मिली है। इनमें भाजपा के अनेक नेता शामिल हैं।

सबसे हैरानी की बात है कि भाजपा के प्रवक्ता दिलीप जायसवाल  का बचाव नहीं कर रहे हैं। पीके ने खुद कहा कि भाजपा के प्रदेश में 19 प्रवक्ता हैं लेकिन कोई भी जायसवाल के पक्ष में नहीं बोल रहा है। जानकार सूत्रों का कहना है कि भाजपा की ओर से प्रवक्ताओं को मना किया गया है कि निजी मामले में सफाई देने की जरुरत नहीं है। यानी इस मामले में सफाई सिर्फ जायसवाल ही दे सकते हैं। इस बीच यह भी खबर है कि भाजपा का ही एक खेमा दिलीप जायसवाल को निपटाने में लगा है। इस खेमे के नेता ही मेडिकल कॉलेज से जुड़े सारे दस्तावेज प्रशांत किशोर को मुहैया करा रहे हैं। यह भी बहुत दिलचस्प है कि बिहार का मीडिया अपनी तरफ से खोजी रिपोर्ट भी छापने लगा है। हिंदी के एक अखबार ने बहुत विस्तार से बताया कि कैसे मेडिकल कॉलेज में क्लर्क का काम करने वाले दिलीप जायसवाल कॉलेज के मालिक बने और कैसे अपने बेटे को रजिस्ट्रार व पत्नी को डायरेक्टर बनवाया।

By NI Political Desk

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