राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

महागठबंधन में सीट बंटवारे की उलझन

वोटर अधिकार यात्रा और पटना की सड़कों पर राहुल गांधी के वोटर अधिकार मार्च के बाद ऐसा लग रहा है कि बिहार में महागठबंधन की सीटों का बंटवारा अटक गया है। पहले कहा जा रहा था कि महागठबंधन की पार्टियों के तमाम नेता दो हफ्ते तक एक साथ घूमे हैं और इस दौरान सबने सीट बंटवारे को लेकर बातचीत की है। यह भी दावा किया जा रहा था कि यात्रा के दौरान सद्भाव बना है और उससे सीट बंटवारा आसान हो गया है। लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि सीट बंटवारा उलझ गया है क्योंकि कांग्रेस ने अपनी ताकत दिखाने के बाद ज्यादा सीटों की मांग रखी है और दूसरी ओर विकासशील इंसान पार्टी को लेकर बाकी पार्टियों में संदेह बढ़ गया है।

बताया जा रहा है कि विकासशील इंसान पार्टी की मांग अंत में 30 सीट पर आकर रूकी है, जबकि तेजस्वी यादव और कांग्रेस किसी भी हाल में 20 से ज्यादा सीट देने पर राजी नहीं हो रहे हैं। कहा तो यहां तक जा रहा है कि तेजस्वी उनको 15 सीट देना चाहते हैं और उप मुख्यमंत्री पद का दावेदार नहीं घोषित करना चाहते हैं। उनको लेकर यह आशंका है कि चुनाव जीतने के बाद वे भाजपा के साथ जा सकते हैं। उनको ज्यादा सीट देने की बजाय राजद की रणनीति अपनी टिकट पर अति पिछड़ा समाज के ज्यादा उम्मीदवारों को लड़ाने की है। एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि कांग्रेस किसी हाल में 55 सीट से नीचे नहीं जाना चाहती है। पिछली बार वह 70 सीटों पर लड़ी थी। अगर उसने 15 सीट छोड़ी तो वही सीट मुकेश सहनी को मिलेगी। राजद अपने कोटे की 144 में से ज्यादा से ज्यादा चार सीट छोड़ने पर राजी है। लेकिन उसको चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस को भी एडजस्ट करना है और सीपीआई माले की सीटों में भी प्रतीकात्मक ही सही लेकिन बढ़ोतरी करनी है।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *