राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

बीपीएफ, एआईयूडीएफ के बगैर कांग्रेस का गठबंधन

सबूत

अगले साल के असम विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने गठबंधन बनाना शुरू कर दिया है। हालांकि चुनाव से पहले ही कांग्रेस को एक झटका यह लगा कि पिछले चुनाव में उसकी सहयोगी रही बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट यानी बीपीएफ को भाजपा ने अपने साथ शामिल कर लिया है। इस बार बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद, बीटीसी के चुनाव में बीपीएफ ने बहुत अच्छी जीत हासिल की और उसके नेता हाग्राम मोहिलारी बीटीसी के अध्यक्ष बने। उनकी पार्टी ने भाजपा की सहयोगी यूपीपीएल को हराया। लेकिन चुनाव के तुरंत बाद भाजपा ने बीपीएफ को एनडीए में शामिल करा लिया और मोहिलारी की पार्टी के एक विधायक को मंत्री बना दिया। इस बार बीपीएफ के होने से कांग्रेस को बड़ा लाभ मिल सकता था।

बहरहाल, अब बीपीएफ नहीं है तो कांग्रेस पार्टी दूसरी छोटी पार्टियों को साथ लेकर गठबंधन बना रही है। प्रदेश अध्यक्ष गौरव गोगोई ने इसकी पहल की है। बीपीएफ के बाद कांग्रेस के इस गठबंधन में बदरूद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ भी शामिल नहीं है। पिछली बार वह भी गठबंधन का हिस्सा थी। सो, कांग्रेस के गठबंधन में कम्युनिस्ट पार्टियां हैं या अखिल गोगोई और लुरिन जोत गोगोई वाली पार्टी है या ऐसी ही क्षेत्रीय पार्टियां हैं। गौरव गोगोई की पहल पर कांग्रेस के साथ सीपीएम, सीपीआई और सीपीआई माले यानी तीनों कम्युनिस्ट पार्टियां जुड़ रही हैं। बिहार में ये तीनों पार्टियों कांग्रेस और राजद के गठबंधन में हैं। इनके अलावा अखिल गोगोई का रायजोर दल और लुरिन जोत गोगोई की पार्टी असम जातीय परिषद भी शामिल है। इसके अलावा जातीय दल असोम और कर्बी अंगलोंग में स्थित ऑल  पार्टी हिल लीडर्स कॉन्फ्रेंस भी कांग्रेस के गठबंधन में शामिल है।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *