संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस पार्टी लोकसभा उपाध्यक्ष का मुद्दा जोर शोर से उठाएगी। कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को सोनिया गांधी की अध्यक्षता में होने वाली कांग्रेस की बैठक में इस पर चर्चा होगी। कांग्रेस इस मसले पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस पार्टी दबाव बनाएगी कि जल्दी से जल्दी लोकसभा उपाध्यक्ष की नियुक्ति हो। हालांकि इस बात की कोई संभावना अभी नहीं दिख रही है कि सरकार उपाध्यक्ष नियुक्त करने जा रही है। लेकिन अगर सरकार ने तय किया कि उपाध्यक्ष नियुक्त होगा और यह पद किसी विपक्षी पार्टी को नहीं मिला तो कांग्रेस इसके लिए चुनाव कराएगी। कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि ‘इंडिया’ ब्लॉक और दूसरी भाजपा विरोधी पार्टियों को साथ लेकर कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारेगी। अगर सरकार ने उपाध्यक्ष नियुक्त करने की पहल की तो कांग्रेस की ओर से केरल के आठ बार के सांसद के सुरेश को उम्मीदवार बनाया जाएगा। चूंकि केरल में अगले साल मई में चुनाव हैं इसलिए कांग्रेस इस दांव की तैयारी कर रही है।
गौरतलब है कि 18वीं लोकसभा के एक साल से ज्यादा हो गए हैं और अभी तक उपाध्यक्ष के चुनाव की कोई पहल नहीं हुआ है। इससे पहले 17वीं लोकसभा में भी कोई उपाध्यक्ष नहीं था। पूरे पांच साल जनता का सदन यानी लोकसभा बिना उपाध्यक्ष के चला। इस बार भी सरकार इसी मूड में दिख रहा है। बताया जा रहा है कि सरकार को कोई भरोसे का आदमी नहीं मिल रहा है। कोई सहयोगी पार्टी उपाध्यक्ष का पद लेने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। पिछली बार भाजपा ने बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस में से किसी को यह पद देना चाहती थी लेकिन दोनों पार्टियों के नेता राजी नहीं हुए। वे सरकार का मुद्दा आधारित समर्थन करते रहे लेकिन कोई पद नहीं लिया। अब दोनों एनडीए से बाहर हैं और बिना लोकसभा सांसद के हैं। जनता दल यू हरिवंश राज्यसभा में उप सभापति हैं और अन्ना डीएमके का भी कोई लोकसभा सांसद नहीं है। चंद्रबाबू नायडू या एकनाथ शिंदे की पार्टी से किसी को यह पद मिल सकता है। लेकिन दोनों मंत्री पद लेकर खुश हैं। इसलिए उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पा रहा है।


