Delhi eletion Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के प्रचार अभियान का आगाज करते हुए शुक्रवार, तीन जनवरी को जिस तरह का भाषण दिया उससे ठीक 10 साल पहले दिए उनके भाषण की याद आ गई।
दस साल पहले जनवरी 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के अभियान की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में भाषण दिया था और केजरीवाल पर बड़ा हमला बोला था।
जिस तरह से अभी उन्होंने दिल्ली की आप सरकार को आपदा सरकार कहा उसी तरह 2015 के पहले भाषण में केजरीवाल को नक्सली बताया था।
उन्होंने अपने भाषण में सिर्फ आप और केजरीवाल का नाम लिया था। उस समय आठ विधायकों वाली पार्टी रही कांग्रेस पर कुछ भी नहीं कहा था।
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उस चुनाव का नतीजा सबको पता है। भाजपा को 70 सदस्यों की विधानसभा में सिर्फ तीन सीटें मिली थीं, जबकि उससे पहले के चुनाव यानी दिसंबर 2013 के चुनाव में भाजपा 32 सीट जीत कर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी और केजरीवाल की पार्टी को 28 और कांग्रेस को आठ सीटें मिली थीं।
2015 के चुनाव में केजरीवाल 67 सीट जीत गए। इस बार भी प्रधानमंत्री का निशाना सिर्फ आप और केजरीवाल पर है।
उन्होंने कांग्रेस को किसी गिनती में नहीं रखा, जबकि कांग्रेस 10 साल के बाद लोकसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी बनी है और दिल्ली में बहुत ताकत से लड़ रही है।
दिल्ली में भाजपा के लिए तभी कोई अवसर बनेगा, जब कांग्रेस मुकाबले में आएगी। कांग्रेस का वोट प्रतिशत अगर दो अंकों में हुआ तब भाजपा जीत भी सकती है।
लेकिन यह तभी होगा, जब लगे कि कांग्रेस भी लड़ रही है। प्रधानमंत्री के पहले भाषण से तो नहीं लगा कि दिल्ली में कांग्रेस लड़ाई में है। आगे देखते हैं कि भाजपा क्या रणनीति अपनाती है। वह आप से आमने सामने का मुकाबला बनवाती है या कांग्रेस पर भी हमला करती है।