पूरी दुनिया इस बात की पड़ताल कर रही है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’ का नारा लगवाने वाले नरेंद्र मोदी से डोनाल्ड ट्रंप नाराज हो गए? अमेरिका के अखबार ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ घटनाओं की क्रोनोलॉजी, भारत के नेताओं व अधिकारियों को बयानों और जानकारों से बातचीत के आधार पर तीन कारण बताएं हैं और एक बहुत दिलचस्प जानकारी दी है। दिलचस्प जानकारी यह है कि जिस समय पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर अमेरिका में थे और डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनको लंच करना था उस समय व्यापार वार्ता कर रही भारतीय टीम भी वॉशिंगटन में ही थी। तब भारतीय टीम और दिल्ली में भारत के नेता इस बात की चिंता में थे कहीं ट्रंप वही पर भारतीय टीम को मुनीर से न मिलवा दें और सबके हाथ न मिलवा लगें। अगर ऐसा होता तो घरेलू राजनीति में बहुत खराब ऑप्टिक्स बनता। बहरहाल, वह नहीं हुआ।
अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप की नाराजगी के तीन कारण दिख रहे हैं। पहला कारण तो यह है कि भारत ने उनको ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीजफायर कराने का श्रेय नहीं दिया। भारत ने साफ कर दिया कि सीजफायर पाकिस्तान की पहल पर हुआ। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को फोन कर युद्ध रोकने का आग्रह किया, जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया। ट्रंप का कहना है कि उन्होंने युद्ध रूकवाया। दूसरा कारण यह बताया जा रहा है कि ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करना चाहते थे, जिससे भारत ने साफ इनकार कर दिया है। तीसरा कारण नोबल पुरस्कार का है। ट्रंप चाहते थे कि जैसे पाकिस्तान ने उनको नोबल पुरस्कार के लिए नामित किया है वैसे ही भारत भी करे। लेकिन भारत ने इससे भी इनकार कर दिया। इन तीन कारणों से ट्रंप नाराज हुए और टैरिफ वॉर शुरू किया और भारत को अपमानित करना भी शुरू किया।