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बिहार चुनाव से पहले भाजपा अध्यक्ष का चुनाव!

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष का चुनाव टला हुआ है। अब चर्चा नहीं होती है। कई राज्यों में भी अध्यक्ष का चुनाव टल गया क्योंकि अब उप राष्ट्रपति का चुनाव चल रहा है। इससे पहले संसद सत्र चल रहा था और भाजपा का हर घर तिरंगा अभियान और तिरंगा यात्रा का कार्यक्रम चल रहा था। उप राष्ट्रपति के चुनाव के बाद बिहार के चुनाव की तैयारी हो जाएगी। अभी ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में चुनाव का बिगुल बजा दिया है। हर महीने उनकी बिहार की यात्रा हो रही है। सो, कहा जा रहा है कि अब भाजपा के अध्यक्ष का चुनाव बिहार के चुनाव के बाद यानी नवंबर के बाद ही होगा। ध्यान रहे जेपी नड्डा जनवरी 2023 में भाजपा के अध्यक्ष बने थे और अगले साल जनवरी में वे इस पद पर छह साल पूरा कर लेंगे। तभी यह समझ में नहीं आने वाली बात है कि अगर भाजपा को उनका विकल्प नहीं मिल रहा था तो क्यों नहीं उनको लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए चुन लिया गया? ऐसा पहली बार होगा कि बिना आधिकारिक रूप से दूसरा कार्यकाल दिए कोई अध्यक्ष तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लेगा। पहला तीन साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद तदर्थ व्यवस्था में उनके ढाई साल से ज्यादा हो गए हैं। एक साल से ज्यादा समय से वे राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री की दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं।

बहरहाल, कुछ जानकार नेताओं का कहना है कि उप राष्ट्रपति चुनाव के बाद भाजपा के अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है। बताया जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के नए अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा क्योंकि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और भाजपा दोनों में इस बात पर सहमति है कि बिहार का चुनाव नए अध्यक्ष के नेतृत्व में होना चाहिए। जानकार सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने भाजपा के एक सौ नेताओं के साथ विचार विमर्श किया है। बताया जा रहा है कि भाजपा के पूर्व अध्यक्ष, केंद्रीय मंत्री और संवैधानिक पदों पर रहे लोगों से बात की गई है। हालांकि इन बातों का कोई खास मतलब नहीं होता है लेकिन सहमति बनाने के प्रयास का दिखावा चल रहा है।

हालांकि पार्टी का ही एक बड़ा वर्ग इस संभावना को नकार रहा है। उनका कहना है कि समय कम बच रहा है और अभी सात बड़े राज्यों में प्रदेश संगठन का चुनाव नहीं हुआ है। उत्तर प्रदेश जैसे अहम राज्य में संगठन का चुनाव नहीं हो पा रहा है। गुजरात में भी प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल लगातार लगातार पांच साल से अध्यक्ष हैं और एक साल से केंद्रीय मंत्री भी हैं। सो, कहा जा रहा है कि उप राष्ट्रपति के चुनाव के बाद राज्यों के चुनाव होंगे और उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाएगा। यह भी कहा जा रहा है कि जेपी नड्डा का बिहार से नाता रहा है। उनके पिता वहां प्रोफेसर थे और उनका जन्म व शिक्षा दीक्षा वही हुई है। इसलिए उनको बिहार चुनाव तक अध्यक्ष रखा जाएगा। हालांकि बिहार से नाता होने के बावजूद जेपी नड्डा बिहार चुनाव से दूर हैं। उनका बिहार दौरा नहीं हो रहा है। ऐसा लग रहा है कि बिहार के चुनाव की पूरी कमान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संभाल रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी बिहार दौरा कम हो रहा है और बिहार चुनाव को लेकर रणनीति बनाने के काम में भी वे कम दिख रहे हैं। चुनाव में तीन महीने से कम बचे हैं और अभी तक भाजपा ने चुनाव प्रभारी भी नियुक्त नहीं किया है।

By NI Political Desk

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