भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पा रहा है और दूसरी ओर हर दिन अध्यक्ष पद की रेस में नए नाम जुड़ जा रहा हैं। पता नहीं इन नामों की चर्चा गंभीर है या यूं ही मामले को टालने के लिए नए नए नाम उछाले जा रहे हैं? पिछले कुछ दिनों से अध्यक्ष पद की रेस में जो नया नाम शामिल हुआ है वह मध्य प्रदेश के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के सांसद वीडी शर्मा का है। कहा जा रहा है कि वे संघ के बहुत पुराने स्वंयसेवक रहे हैं और भाजपा अध्यक्ष के तौर पर मध्य प्रदेश में उन्होंने बहुत अच्छा काम किया था। उन्हीं के अध्यक्ष रहते 2023 में मध्य प्रदेश में भाजपा ने ऐतिहासिक जनादेश हासिल किया। उनको संघ और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व यानी नरेंद्र मोदी और अमित शाह का सहमति का उम्मीदवार बताया जा रहा है। अगर वे बनते हैं तो अगड़ी जाति का ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की पिछले 20 साल की परंपरा भी कायम रह जाएगी। इसी वजह से जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के नाम की भी चर्चा चल रही थी। हालांकि अभी उनके नाम की चर्चा थम गई है।
वीडी शर्मा का नया नाम आया है लेकिन तीन नामों की चर्चा काफी समय से चल रही है। ये तीनों केंद्रीय मंत्री हैं। धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव और मनोहर लाल खट्टर। दो ओबीसी नेता और एक पंजाबी। इनके अलावा बीच बीच में राजनाथ सिंह के नाम की भी चर्चा हो जाती है। कहा जाता है कि जब किसी पर सहमति नहीं बनेगी तो अंत में राजनाथ सिंह को ही फिर से कमान सौंप दी जाएगी। आखिर हर मुश्किल के समय वे अध्य़क्ष बने हैं। लालकृष्ण आडवाणी का जिन्ना विवाद हुआ तो राजनाथ सिंह अध्यक्ष बने और नितिन गडकरी से जुड़ी कंपनियों पर छापेमारी के बाद उनको दूसरे कार्यकाल से रोका गया तब भी राजनाथ सिंह अध्यक्ष बने। अब संघ व भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की असहमति के बीच नया अध्यक्ष चुनने की बात हो रही है तब भी उनका नाम बार बार चर्चा में आ रहा है। किसी महिला को भी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की बात गाहे बगाहे होती रहती है और जब ऐसी बात होती है तो निर्मला सीतारमण का नाम आ जाता है। हालांकि हो सकता है कि इन सारे नामों से इतर कोई बिल्कुल चौंकाना वाला नाम सामने आ जाए।