एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की तारीफ कर रहे थे तो दूसरी तरफ राहुल गांधी सुदूर दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया में एक यूनिवर्सिटी में संघ की आलोचना कर रहे थे। राहुल ने एक यूनिवर्सिटी में छात्रों के सामने कहा कि संघ और भाजपा के मूल में कायरता है। उन्होंने यह भी कहा कि संघ और भाजपा का स्वभाव है कि ये लोग कमजोर को मारते हैं और ताकतवर से टकराने घबराते हैं। इसे राहुल ने विचारधारा की कमजोरी बताई। संघ और भाजपा की आलोचना के बाद राहुल गांधी ने भारत सरकार के कामकाज भी खूब आलोचना की और कहा कि भारत में होलसेल में यानी थोक के भाव में लोकतांत्रिक प्रणाली पर हमला हो रहा है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। ऐसा होना देश के लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। इससे देश में संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है और विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है। भारत की ताकत उसकी विविधता और लोकतंत्र है, लेकिन मौजूदा हालात में इन मूल्यों पर खतरा मंडरा रहा है। राहुल के इस बयान के बाद देश में अलग बहस छिड़ी है। राहुल जब भी विदेश जाते हैं तो वे ऐसा क्यों कहते हैं, इसे लेकर भाजपा ने हमला किया। भाजपा का कहना है कि राहुल का रिमोट विदेशी ताकतों के हाथ में है। ध्यान रहे संघ प्रमुख ने भी अपने भाषण में कहा कि विदेशी ताकतें भारत में अशांति फैलाने के लिए तैयार बैठी हैं। भाजपा का इशारा भी हमेशा इस ओर रहता है कि राहुल और विपक्षी पार्टियां विदेशी ताकतों के संपर्क में हैं, जो भारत में अशांति फैलाना चाहती हैं। राहुल पर ‘जेन जी’ को उकसाने वाले भाषण करने के आरोप भी लगते हैं।