विपक्षी पार्टियां और कई स्वतंत्र पर्यवेक्षक भी मान रहे थे कि लोकसभा चुनाव की घोषणा होने और देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद विपक्षी पार्टियों को राहत मिल जाएगी। उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई थम जाएगी और तब वे बेफिक्र होकर पूरी ताकत से चुनाव लड़ पाएंगे। लेकिन सारे अंदाजे गलत साबित हो गए।
विपक्षी पार्टियों ने अगर हालिया इतिहास को ही ध्यान में रखा होता तो वे ऐसा नहीं सोचते। पिछले साल के अंत में जब राज्यों के चुनाव चल रहे थे तब भी केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई जारी थी। छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के बीच महादेव ऐप के मामले में कार्रवाई हुई थी और एक आरोपी के कथित बयान के आधार पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर 508 करोड़ रुपए लेने के आरोप लगे थे। इसी तरह राजस्थान विधानसभा चुनाव के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के यहां छापे पड़े थे।
वैसा ही लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद भी हो रहा है। किसी विपक्षी पार्टी को राहत नहीं मिलने जा रही है। केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई पहले की तरह बदस्तूर जारी है और चुनाव के बीच भी जारी रहेगी। तभी दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को दो समन जारी किया गया है।
उनको एक नए मामले में भी समन जारी हुआ है। सोचें, समन पर हाजिर नहीं होने की एजेंसी की शिकायत पर जिस दिन दिल्ली की अदालत ने केजरीवाल को जमानत दी और उन्हें अदालती कार्रवाई में हाजिर होने से छूट दी उसके अगले ही दिन एजेंसी ने उनको दो नए समन भेज दिए। एक समन शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले में है और दूसरा दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े दो अलग अलग मामलों में है। कहां तो केजरीवाल शराब नीति मामले से जान छुड़ाने की कोशिश में थे अब जल बोर्ड का नया मामला आ गया।
उधर आचार संहिता लागू होने से एक दिन पहले तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री और भारत राष्ट्र समिति के नेता के चंद्रशेखर की बेटी के कविता को गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे एजेंसी पहले पूछताछ कर चुकी थी और अदालत से उनको राहत भी मिली थी। लेकिन चुनाव से पहले उनकी गिरफ्तारी हो गई। केंद्रीय एजेंसियों के साथ साथ भाजपा शासित राज्यों में राज्य की एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। चुनाव की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ में पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
पुलिस ने महादेव ऐप से सट्टेबाजी के मामले में बघेल को आरोपी बनाया है। पता नहीं यह संयोग है या प्रयोग लेकिन खबर है कि झारखंड के चाईबासा की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को समन जारी किया है। मानहानि से जुड़े एक मामले में चाईबासा की एमपी-एमएलए अदालत ने राहुल गांधी को 27 मार्च को हाजिर होने का समन भेजा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन जेल में हैं लेकिन मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं। लोकपाल के आदेश पर सीबीआई दो संपत्तियों के मामले में उनके पिता शिबू सोरेन की जांच कर रही है। यह जांच चुनाव के बीच जारी रहेगी।