nayaindia Lok Sabha election yogi adityanath योगी प्रशासन पर फिजूल शक, सवाल?

योगी प्रशासन पर फिजूल शक, सवाल?

उत्तर प्रदेश में क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रशासन भाजपा उम्मीदवारों का साथ नहीं दे रहा है? क्या पुलिस और प्रशासन के लोग समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की मदद कर रहे हैं? यह सवाल उठा है प्रदेश भाजपा के एक ट्विट से, जो उसने 13 मई को चौथे चरण के मतदान के दिन किया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भाजपा के आधिकारिक हैंडल से 13 मई को दोपहर दो बजे के करीब एक ट्विट हुआ, जिसमें कहा गया- सपाई गुंडों के सामने पुलिस प्रशासन नतमस्तक।

इसमें कन्नौज लोकसभा क्षेत्र में चुनाव को लेकर शिकायत की गई। इसमें लिखा गया- विधानसभा विधूना के बूथ नंबर 80, 81, 91, 94, 102 161 और 172 पर सपा के रेड कार्ड होल्डर, अपराधी, माफिया भाजपा के मतदाताओं को वोट नहीं डालने दे रहे हैं। बूथों पर सपाई गुंडों के साथ मिल कर पीठासीन अधिकारी और पुलिस के लोग बूथ कैप्चरिंग कर रहे हैं। निर्वाचन आयोग घटना का शीर्घ संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे।

सोचें, उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के शासन का खौफ बताया जाता है और दावा किया जाता है कि गुंडे, माफिया या तो राज्य छोड़ कर चले गए हैं या परलोक सिधार गए। लेकिन ऐन चुनाव के दिन भाजपा कह रही है कि पुलिस और प्रशासन सपा के गुंडों और माफिया की मदद से बूथ कब्जा कर रहे हैं। गौरतलब है कि कन्नौज सीट पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले चुनाव में भाजपा के सुब्रत पाठक ने अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव को हरा दिया था।

अखिलेश के लड़ने से यह बहुत हाई प्रोफाइल सीट हो गई है। अगर इस सीट को लेकर प्रदेश भाजपा की ओर से यह कहा जा रहा है कि पुलिस और प्रशासन सपा की मदद कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि भाजपा संगठन और सरकार के बीच सब कुछ ठीक नहीं है। यह भी संभव है कि योगी आदित्यनाथ को अभी से निशाने पर लिया जा रहा हो ताकि चुनाव नतीजे ठीक नहीं आते हैं तो उनके ऊपर ठीकरा फोड़ा जा सके। ध्यान रहे पिछले कुछ समय से यह अफवाह हवा में है कि चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री बदला जा सकता है। क्या पुलिस, प्रशासन के सपा से मिले होने की खबरों से इसका आधार बनाया जा रहा है?

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें