अब यह लगभग तय हो गया कि भारतीय जनता पार्टी बड़ी संख्या में सांसदों की टिकट काटने जा रही है। भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के पहले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया कि भाजपा की ओर से उम्मीदवार कोई व्यक्ति नहीं है, बल्कि कमल का फूल है। यह बात उन्होंने पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भी कही थी और तब भी बड़ी संख्या में विधायकों की टिकट कटी थी। अब लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने यह बात कही है तो इसका मतलब है कि लोकसभा में जीते सांसद सावधान हो जाएं। कुछ दिन पहले संसद में प्रधानमंत्री ने राज्यसभा सांसदों के लिए जनसभा में जाने का सुझाव दिया था और नतीजा यह हुआ कि भाजपा ने अपने दो दर्जन राज्यसभा सांसदों की टिकट काट दी।
अब कमल के फूल को उम्मीदवार बना कर लड़ने की बात के बाद लोकसभा के पुराने नेताओं और कई बार के सांसदों का बेटिकट होना तय हो गया है। बताया जा रहा है कि तीन बार से लगातार चुनाव जीत रहे लोकसभा सांसदों को टिकट नहीं मिलेगी। मोदी लहर में दो बार से जीत रहे सांसद भी खतरे के निशान के दायरे में हैं। अगर सर्वे करने वाली एजेंसियों और नमो ऐप पर हुए सर्वे में उनके बारे में निगेटिव फीडबैक है तो उनकी टिकट कटेगी। उनकी जगह नए लोगों को मौका मिलेगा। भाजपा का जिन राज्यों में 85-90 फीसदी या उससे ज्यादा स्ट्राइक रेट है उन राज्यों में सबसे ज्यादा टिकटें कटने जा रही हैं। ऐसे एक दर्जन राज्य हैं, जिनमें बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात आदि राज्य हैं। कर्नाटक में भी भाजपा का स्ट्राइक रेट बहुत अच्छा है लेकिन वहां टिकट थोड़ी कम कटेगी क्योंकि वहां के हालात को लेकर पार्टी के नेता बहुत भरोसे में नहीं दिख रहे हैं।