nayaindia Loksabha election 2024 कांग्रेस इस बार लक्षित लड़ाई लड़ेगी

कांग्रेस इस बार लक्षित लड़ाई लड़ेगी

हिंदी पट्टी के तीन राज्यों की हार से कांग्रेस ने निराशा है लेकिन पार्टी ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस लोकसभा चुनाव को लेकर दो स्तर पर तैयारी कर रही है। एक तैयारी विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के घटक दलों के साथ लड़ने की है और दूसरी तैयारी अपनी निजी लड़ाई की है। कांग्रेस इस बार लक्षित लड़ाई की तैयारी कर रही है। जिन राज्यों में उसका वोट प्रतिशत कायम रहा है या बढ़ा है वहां ज्यादा संसाधन और ताकत लगा कर लड़ने की योजना बनी है। प्रभारियों और महासचिवों की नियुक्ति में भी इस बात का ध्यान रखा गया है। कांग्रेस के जानकार सूत्रों के मुताबिक करीब 10 राज्यों में कांग्रेस बहुत ताकत लगा कर लड़ेगी और इसकी तैयारी पार्टी ने शुरू कर दी है।

जिन राज्यों में कांग्रेस लक्षित लड़ाई की तैयारी कर रही उनमें राजस्थान और छत्तीसगढ़ बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस हारी है लेकिन उसका वोट कायम है। तभी राजस्थान में प्रभारी नहीं बदला गया और अशोक गहलोत को तालमेल की कमेटी में रखा गया। भूपेश बघेल भी नेशनल एलायंस कमेटी में हैं और वहां सचिन पायलट को प्रभारी बनाया गया है। इन दो राज्यों में 36 लोकसभा सीट है, जिनमें से कांग्रेस के पास सिर्फ दो है। चुनाव बाद के आंकड़ों के मुताबिक अगर राजस्थान में वोटिंग पैटर्न वहीं रहा, जो विधानसभा में था तो कांग्रेस 10 से 11 सीटें जीत सकती है। पिछली बार उसे एक भी सीट नहीं मिली थी। यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा के पूर्व सहयोगी हनुमान बेनिवाल के साथ कांग्रेस तालमेल कर सकती है।

इन दो राज्यों के अलावा तीन और राज्य हैं, जहां कांग्रेस को अकेले चुनाव लड़ना है और उसे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। ये तीन राज्य हैं कर्नाटक, तेलंगाना और हरियाणा। इन तीन राज्यों में लोकसभा की 55 सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस के पास सिर्फ चार हैं- एक कर्नाटक में और तीन तेलंगाना में। इस बार कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस ने सरकार बनाई है और आधी सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। कर्नाटक में सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार की जोड़ी और तेलंगाना में रेवंत रेड्डी इसकी तैयारी कर रहे हैं। हरियाणा में भूपेंदर सिंह हुड्डा को फ्री हैंड देकर बड़ा लक्ष्य दिया गया है। कांग्रेस इन तीन राज्यों में बहुत दम लगाएगी। सो, इन पांच राज्यों की 91 सीटों में से कांग्रेस के पास सिर्फ छह सीट है, जिसे आधी यानी 45 तक पहुंचाने का लक्ष्य कांग्रेस ने तय किया है।

अकेले लड़ने वाले इन पांच राज्यों के अलावा कांग्रेस को छह और राज्यों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है लेकिन वहां गठबंधन के साथ लड़ने की संभावना है। ये छह राज्य हैं- महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, केरल और पंजाब। इन छह राज्यों में लोकसभा की 174 सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस के पास सिर्फ 33 सीटें हैं, 23 सीटें दो राज्यों-तमिलनाडु और केरल में हैं। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और शरद पवार के साथ कांग्रेस का तालमेल होगा और कांग्रेस लगभग आधी सीटों पर लड़ेगी। झारखंड में जेएमएम और पंजाब में आम आदमी पार्टी के साथ तालमेल में कांग्रेस ज्यादा सीटों पर लड़ेगी। बिहार में भी कांग्रेस 10 सीट मांग रही है लेकिन अगर नीतीश कुमार पाला नहीं बदलते हैं तो उसे चार सीटें मिल सकती हैं। तमिलनाडु में आठ और केरल में 15 सीटों पर लड़ेगी। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस अपना प्रदर्शन दोहराने की उम्मीद कर रही है।

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