उत्तर प्रदेश में विपक्षी पार्टियों के बीच मोटे तौर पर सीट बंटवारा हो गया है। पहले खबर आई कि समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय लोकदल के लिए सात सीटें छोड़ी हैं। इसके बाद खुद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्विट करके बताया कि कांग्रेस 11 सीटों पर लड़ेगी। उन्होंने कहा कि 11 मजबूत सीटों पर कांग्रेस के लड़ने से दोनों पार्टियों का गठबंधन आगे बढ़ेगा। हालांकि इस पर कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। जिस दिन अखिलेश ने ट्विट किया उसी दिन अखबारों में खबर छपी थी कि सीट बंटवारे पर सपा की ओर से बात कर रहे रामगोपाल यादव ने कहा है कि सपा और कांग्रेस ने आधा रास्ता पार कर लिया है। जाहिर है कि कांग्रेस की सहमति बनने से पहले ही अखिलेश यादव ने सीट संख्या का ऐलान कर दिया।
अब खबर है कि कांग्रेस पार्टी और सीटें मांग रही है। कांग्रेस कम से कम 15 लोकसभा सीटों पर लड़ने की बात कर रही है। उसके नेता 2017 के विधानसभा चुनाव के समझौते की बात कर रहे हैं, जब कांग्रेस एक सौ सीटों पर लड़ी थी। इस लिहाज से कांग्रेस का दावा 20 सीटों का बनता है। तभी कहा जा रहा है कि कांग्रेस और सपा के बीच एक बार फिर सीट शेयरिंग पर नए सिरे से बातचीत शुरू हो सकती है। दूसरी ओर जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल ने भी दो और सीटों की मांग की है। उसके नेता कह रहे हैं कि पार्टी को 12 नहीं तो कम से कम नौ सीटें मिलनी चाहिए। हालांकि रालोद को अतिरिक्त सीट दिए जाने की संभावना कम है परंतु कांग्रेस को एक-दो सीटें और मिल सकती हैं। कहा जा रहा है कि सपा और कांग्रेस पीलीभीत व सुल्तानपुर सीट भी छोड़ेंगे।