Thursday

31-07-2025 Vol 19

भाजपा में महिला उम्मीदवार कहां?

367 Views

भारतीय जनता पार्टी ने दो चुनावी राज्यों, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लिए कुछ उम्मीदवारों की घोषणा की है। मध्य प्रदेश में जो सूची जारी हुई, जिसमें 78 उम्मीदवारों के नाम थे। बाद में एक नाम की तीसरी सूची जारी हुई। इस तरह कुल 79 उम्मीदवारों की घोषणा हुई है। उधर छत्तीसगढ़ में पार्टी ने 21 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। दोनों राज्यों में अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई है लेकिन भाजपा ने उम्मीदवारों का ऐलान शुरू कर दिया है। उम्मीदवारों की पहली सूची महिला आरक्षण बिल पास होने से पहले आई थी और मध्य प्रदेश की दूसरी और तीसरी सूची बिल पास होने के बाद आई है। लेकिन दोनों में से किसी राज्य में भाजपा ने 33 फीसदी तो छोड़िए 15 फीसदी टिकट भी महिलाओं को नहीं दी है।

मध्य प्रदेश के लिए जारी 79 उम्मीदवारों की तीन सूची में भाजपा ने महिलाओं को सिर्फ 10 टिकट दी है। यानी भाजपा की सूची में सिर्फ 12 फीसदी महिला उम्मीदवार हैं। यह स्थिति तब है, जब प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में जाकर महिला आरक्षण को ऐतिहासिक उपलब्धि बता चुके हैं। सोचें, यह कैसा दोहरा रवैया है? एक तरफ सरकार ने बिल पास कराया है कि लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देंगे लेकिन दूसरी ओर अपनी पार्टी की 15 फीसदी टिकट भी महिलाओं को नहीं देंगे? क्या इससे यह नहीं दिख रहा है कि भाजपा तभी महिलाओं को टिकट देगी, जब कानून लागू हो जाएगा? महिलाओं के प्रति तमाम सद्भाव और प्रचार के बावजूद कानून लागू होने से पहले भाजपा महिलाओं को टिकट नहीं देगी।

क्या भाजपा का कोई नेता यह दावा कर सकता है कि पार्टी कानून लागू होने का इंतजार नहीं करेगी और उससे पहले 33 फीसदी टिकट महिलाओं को देगी? अगर ऐसा होता है तो भाजपा को मध्य प्रदेश की बची हुई 151 विधानसभा सीटों में 66 महिला नेताओं को टिकट देनी होगी, जिसकी कोई संभावना नहीं है। सो, यह तय है कि मध्य प्रदेश में भाजपा अधिकतम 15 फीसदी महिला उम्मीदवारों के साथ मैदान में उतरेगी।

छत्तीसगढ़ की कहानी भी कुछ अलग नहीं है। वहां भाजपा ने 21 उम्मीदवारों की एक सूची जारी की है, जिसमें सिर्फ पांच महिला उम्मीदवार हैं। यानी वहां मध्य प्रदेश के मुकाबले औसत थोड़ा  बेहतर है। वहां अनुपात देखें तो 25 फीसदी से थोड़ा कम है। अगर पार्टी इसी अनुपात में महिलाओं को टिकट देती है तब भी बची हुई 69 सीटों में से 17 टिकट महिलाओं को देनी होगी और अगर 33 फीसदी टिकट देना चाहती है तो 25 टिकटें और देनी होंगी महिलाओं को। सो, प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी के नेता चाहे जो भी दावा करें उन पर विश्वास करने से पहले पार्टी की सूची देखने की जरूरत है। यही पैमाना दूसरी पार्टियों पर भी लागू होने चाहिए, जिन्होंने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है और उसका श्रेय ले रहे हैं। उनकी बातों से ज्यादा उनके आचरण पर नजर रखने की जरूरत है।

NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *