कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच तालमेल की बात दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच होनी है। बताया जा रहा है कि ‘इंडिया’ की समन्वय समिति की बजाय दोनों पार्टियों के नेता इस बारे में बात करेंगे। ध्यान रहे पिछले दिनों उत्तर प्रदेश की घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था वहां कांग्रेस ने सपा उम्मीदवार का समर्थन किया था। दूसरी ओर उत्तराखंड की बागेश्वर सीट पर उपचुनाव में सपा ने उम्मीदवार उतार दिया था। हालांकि वहां चुनाव लड़ कर सपा ने अपनी बेइज्जती कराई क्योंकि उसके उम्मीदवार को महज छह सौ वोट मिले। उसका उम्मीदवार एक फीसदी भी वोट नहीं ले सका। इसके बावजूद कांग्रेस जोखिम नहीं ले सकती है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के नेता सपा के साथ तालमेल करेंगे। सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी उसके लिए सीट छोड़ी जा सकती है।
बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व को सपा को कुछ सीट दे सकता है। सपा ने मध्य प्रदेश में सबसे अच्छा प्रदर्शन 2003 में किया था, जब उसके सात विधायक चुनाव जीत गए थे। हालांकि उसके बाद लगातार उसके प्रदर्शन में गिरावट आती गई। फिर भी उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे कुछ इलाकों में उसके वोट हैं और इसलिए उसने पिछले महीने चार सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। सपा ने बुंदेलखंड और ग्वालियर-चंबल इलाके में अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश की दूसरी पार्टी बसपा भी सात सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की बात बसपा के साथ भी हो रही है लेकिन पार्टी के नेता सपा को लेकर ज्यादा गंभीर हैं। उनको लग रहा है कि एक-दो सीट छोड़ने पर सपा से बात बन सकती है। अगर दोनों पार्टियां मध्य प्रदेश में एक साथ लड़ती हैं तो उत्तर प्रदेश में भी तालमेल का रास्ता साफ होगा।