सबसे सही शब्द फ्रस्ट्रेशन है, जो जाति गणना के फैसले के बाद भाजपा के इकोसिस्टम की बेचैनी को बताने के लिए उपयुक्त होगा। पूरा सोशल मीडिया भरा हुआ है कि भाजपा समर्थकों के निराशाजनक पोस्ट से। पिछले करीब 10 दिन से भाजपा समर्थक लोगों को थोड़ा और इंतजार करने के लिए कह रहे थे और दावा कर रहे थे कि पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा एक्शन होगा, जैसा पहले कभी नहीं हुआ।
कोई बलूचिस्तान बनाने की बात कर रहा था, कोई पीओके छीन लेने का दावा कर रहा था, कोई जनरल आसीम मुनीर को मार डालने का दावा कर रहा था तो किसी को लग रहा था कि हाफिज सईद मारा जाएगा। पहलगाम हमले के बाद से भाजपा समर्थकों में उत्साह था कि धर्म पूछ कर हत्या हुई है तो अब जाति का मुद्दा अपने आप परदे के पीछे चला गया।
जाति गणना पर भाजपा समर्थकों का फ्रस्ट्रेशन
लेकिन अचानक मोदी सरकार ने जाति गणना का बम फोड़ दिया। भाजपा समर्थकों को समझ में नहीं आ रहा है कि वे क्या करें। घनघोर फ्रस्ट्रेशन में सबसे लोकप्रिय अकाउंट्स में एक पर कहा गया कि विपक्ष में रह कर कांग्रेस अपनी सरकार चला रही है। यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस ने दिखा दिया कि विपक्ष में रह कर कैसे अपना एजेंडा लागू कराया जाता है। जाति गणना को देश तोड़ने वाला मुद्दा बता कर कांग्रेस को दोष दिया जा रहा है कि वह विपक्ष में रह कर भी देश तोड़ने का एजेंडा लागू करवा ले रही है।
ऐसे ही सोशल मीडिया में कई लोगों ने कहा कि पहले धर्म पूछ कर मारा गया और अब जाति पूछ कर मारा जाएगा। कई भाजपा समर्थकों को लग रहा था कि कुछ भी हो जाए आरएसएस जाति गणना नहीं कराने देगा। अब उनका गुस्सा आरएसएस पर भी निकल रहा है। आरएसएस की सौ साल की सक्रियता का हासिल जाति गणना को बताया जा रहा है। चूंकि एक दिन पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत की मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी से हुई थी। भाजपा समर्थकों को बुधवार को समझ में आया कि मंगलवार की मुलाकात पहलगाम हमले के मामले में नहीं, बल्कि जाति गणना के मामले में हुई थी।
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