Caste Census
पटना। देश में हर 10 साल पर होने वाली जनगणना नहीं हो रही है लेकिन उससे पहले बिहार में जाति आधारित जनगणना की शुरुआत हो गई है। अगले लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में भाजपा को रोकने के लिए राजद और जदयू की सर
उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि जाति आधारित जनगणना के बाद बिहार सरकार के पास सही और वैज्ञानिक आंकड़ा उपलब्ध होगा, जिससे योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।
बिहार में नए वर्ष की शुरूआत पटना के वीआईपी इलाकों से होनी है, जहां अधिकारियों और विधायकों, मंत्रियों के आवास हैं।
जनगणना (Census) 2021 को कोरोना महामारी के चलते रोक दिया गया था। अब केंद्र सरकार (Central government) ने कहा है कि अगली जनगणना, पहली डिजिटल जनगणना (Digital Census) होगी।
अपनी ‘भारत जोड़ो’ यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने ‘भारत तोड़ो’ का नारा दे दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत में जातीय जनगणना फिर से शुरु की जानी चाहिए।
बिहार में जातियों की गिनती का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में जातीय जनगणना पर सहमति बन गई।
नीतीश जो पहल कर रहे हैं, वह बिहार के लिए नहीं, सारे देश के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकती है।
बिहार में जातीय जनगणना को लेकर चल रहा राजनीतिक गतिरोध सुलझता दिख रहा है। भारतीय जनता पार्टी इसके लिए तैयार हो गई है।
बिहार में जातीय जनगणना के मामले पर राजनीति तेज हो गई है। बिहार विधानसभा की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा इसके लिए तैयार नहीं है
जातीय जनगणना को लेकर बिहार में राजनीति जारी है जहां एक ओर जदयू और राजद जातीय जनगणना के लिए प्रधानमंत्री मोदी से तक मुलाकात कर चुके हैं
भारतीय जनता पार्टी छोड़ने वाले पिछड़ी जाति के नेताओं को पार्टी में शामिल कराने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ऐलान किया
बिहार में जातीय जनगणना को लेकर राजनीति तेज हो गई है। जहां एक ओर नीतीश कुमार जातीय जनगणना करवाने पर अडिग है तो भाजपा असमजंस की स्थिति में है।
वैसे तो केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी दोनों की ओर से कहा जा चुका है कि जनगणना में जातियों की गिनती नहीं होगी।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना कराने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा है कि इसका सारा खर्च राज्य सरकार उठाएगी और हर पहलू का ध्यान रखते हुए जातियों की गिनती कराई जाएगी।
बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बड़ा फैसला किया है। राज्य सरकार ने जातीय जनगणना कराने का फैसला किया है और कहा है कि अपने खर्च से वह जातियों की गिनती कराएगी।