Caste Census

  • हिंदू को बांटो, लड़ाओ, खरीदो और बनाओ गंवार!

    सोचें, भारत में सामाजिक (हिंदू) समरसता का कौन सा म़ॉडल प्रदेश है? मेरा मानना है मध्य प्रदेश! और वहां अभी क्या हल्ला हुआ? भाजपा ने ओबीसी आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ा कर 27 प्रतिशत करने के कमलनाथ सरकार के पुराने फैसले पर सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद की है कि “कांग्रेस कई वर्षों तक सत्ता में रही लेकिन उसने किसी वर्ग के साथ न्याय नहीं किया। अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है और हमें न्यायपालिका पर भरोसा है। हमें उम्मीद है कि अदालत मध्यप्रदेश में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी देगी”। अर्थात भाजपा/संघ परिवार/ मोहन यादव सरकार...

  • जाति गणना से बहुत कुछ बदलेगा

    जनगणना की अधिसूचना भारत के राजपत्र यानी गजेट में जारी कर दी गई है। पांच साल की देरी के बाद जनगणना होने जा रही है, जो 2026 में शुरू होकर एक मार्च 2027 को पूरी होगी। पहाड़ी और बर्फबारी वाले दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू कश्मीर व लद्दाख और दो राज्यों हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड में एक अक्टूबर 2026 संदर्भ तारीख है और बाकी देश के लिए एक मार्च 2027 को संदर्भ तारीख तय की गई है। संदर्भ तारीख का मतलब है कि उस दिन तक जन्मे बच्चे की गिनती होगी। बहरहाल, वैसे तो हर बार जनगणना खास होती है...

  • जाति गणना पर हुए खर्च का क्या?

    कर्नाटक में 2015 में जाति गणना की रिपोर्ट आई थी, जिसे पिछले दिनों सार्वजनिक किया गया। हालांकि उसको स्वीकार करने या मंजूरी देने के लिए 17 अप्रैल को कैबिनेट में उसे पेश किया जाना था, जो नहीं पेश किया गया और अब कांग्रेस आलाकमान यानी मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने उसे रद्द करने का आदेश दे दिया है। अब सवाल है कि 10 साल पहले हुई जाति गणना पर 160 करोड़ रुपए का खर्च आया था। उसका क्या? वह तो बेकार चला गया! अगर उस रिपोर्ट को स्वीकार नहीं करना था या सरकार की नीतियों के लिए उसका इस्तेमाल...

  • अगले साल अक्टूबर से होगी जाति जनगणना

    नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जाति जनगणना की तारीख का ऐलान कर दिया है। जाति जनगणना अगले साल अक्टूबर में शुरू होगी और इसे दो चरणों में कराया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि पहले चरण की शुरुआत एक अक्टूबर 2026 से होगी। पहले चरण में उत्तर भारत के चार पहाड़ी राज्यों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में जाति जनगणना होगी। एक मार्च 2027 से दूसरा चरण शुरू होगा, जिसमें देश के बाकी राज्यों में जनगणना होगी। आजादी के बाद पहली बार जनगणना के साथ जातियों की गिनती होगी। गृह मंत्रालय ने बुधवार को जारी...

  • सवाल तो वही हैं

    जातीय जनगणना के आंकड़े जब आ जाएंगे, तब पिछड़ापन दूर करने की क्या योजना एनडीए के पास है? इस सवाल का जवाब विपक्ष ने भी नहीं दिया। दोनों पक्षों ने जातीय जनगणना को ही समाधान बताने की कोशिश की है। सत्ताधारी नेशनल डेमोक्रेटिक एलांयस (एनडीए) के मुख्यमंत्रियों और उप-मुख्यमंत्रियों की बैठक में केंद्र के जातीय जनगणना कराने के निर्णय की प्रशंसा की गई। बैठक के बाद में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि यह “जाति राजनीति” नहीं है। नड्डा ने कहा- ‘हमने ये साफ कर दिया है कि हम जाति की राजनीति नहीं करते, बल्कि हम वंचित, दमित और...

  • जाति गणना जरूरी: मोदी

    नई दिल्ली। जाति गणना कराने के कैबिनेट के फैसले के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  इस फैसले पर बोले। उन्होंने भाजपा और एनडीए के दूसरे घटक दलों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों की बैठक में रविवार को कहा कि यह एक जरूरी फैसला है, जिसके जरिए हाशिए में पड़े लोगों को मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जिक्र किया और कहा इससे जाहिर होता है कि प्रतिरक्षा के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। गौरतलब है कि नीति आयोग की गवर्निंग कौंसिल की बैठक के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्री दिल्ली...

  • जाति जनगणना से आगे क्या?

    यह लाख टके का सवाल है कि केंद्र सरकार जाति जनगणना करा लेगी उसके बाद क्या होगा? कुछ भोले भाले राजनीतिक और सामाजिक विश्लेषक कह रहे हैं कि जाति जनगणना  बहुत अच्छी है लेकिन उसका राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं होना चाहिए, बल्कि उसके आंकड़ों का इस्तेमाल वंचित समूहों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जाना चाहिए। यह आदर्श स्थिति है। लेकिन भारत में कभी भी आदर्श स्थिति में कोई काम नहीं होता है। यहां सारा काम राजनीतिक लाभ हानि के हिसाब से होता है। इसलिए यह तय मानें कि जातियों की गिनती से जो भी आंकड़ा आएगा...

  • जाति गणना पर खड़गे ने मोदी को चिट्ठी लिखी

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जाति जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने जाति गणना के बारे में प्रधानमंत्री को कुछ सुझाव भी दिए हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल को जाति जनगणना कराने की घोषणा की थी। सरकार ने कहा है कि अगली जनगणना में जातियों की भी गिनती होगी। इसी सिलसिले में खड़गे ने चिट्ठी लिख कर सर्वे करवाने के लिए तीन सुझाव दिए हैं। अपनी चिट्ठी में, खड़गे ने 16 अप्रैल 2023 के उनके पत्रों का जवाब नहीं देने के लिए सरकार की आलोचना की। खड़गे ने कहा, ‘मुझे उस...

  • बिहार बनाम तेलंगाना की जाति गणना का विवाद

    दो राज्यों ने हाल के दिनों में जाति गणना कराई है। पहले बिहार में जाति गणना हुई थी। उस समय जनता दल यू और राजद की सरकार थी। भाजपा विपक्ष में थी लेकिन उसके जाति गणना का समर्थन किया था। उसके बाद तेलंगाना में 2023 में कांग्रेस की सरकार बनने पर जाति गणना कराई। राहुल गांधी ने बिहार के दौरे में वहां की जाति गणना को बोगस करार दिया, जबकि राजद और कांग्रेस एक साथ हैं और राजद नेता तेजस्वी यादव जाति गणना का श्रेय लेते हैं। राहुल लगातार तेलंगाना की जाति गणना को वैज्ञानिक बता रहे हैं और केंद्र...

  • जाति की जीत हो, राष्ट्र का नाश हो! जाति की जीत हो, धर्म का नाश हो!

    दुनिया में एक भी देश पीछे नहीं लौट रहा है लेकिन भारत लौट रहा है! अंग्रेजों ने हिंदुओं को बांटने के लिए 1871 से 1931 के साठ सालों में जो किया उसे नरेद्र मोदी सरकार वापिस शुरू कर रही है। अंग्रेजों की जिस नीति का विरोध गांधी, नेहरू से लेकर सावरकर, हेडगेवार, गोलवलकर, देवरस, राममनोहर लोहिया और खुद अंबेडकर ने किया, उसे हिंदू समाज की एकता के कथित झंडाबरदार नरेंद्र मोदी, उनका कैबिनेट और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत इसलिए पुनः शुरू कर रहे हैं क्योंकि ये अपने को आर्य समाज के दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद, महर्षि अरविंद,...

  • जातिगत जनगणनाः दूरदर्शी फैसला

    जातिगत जनगणना के केंद्र सरकार के फैसले के अलग अलग पहलुओं पर विचार करने से पहले एक पंक्ति का यह निष्कर्ष बता देना जरूरी है कि यह एक दूरदर्शी फैसला है, जिसे पर्याप्त विचार विमर्श के बाद देशहित को ध्यान में रख कर किया गया है। यह भी समझ लेना चाहिए कि यह कोई तात्कालिक फैसला नहीं है और राजनीतिक लाभ हानि अपनी जगह है परंतु इसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। ऐसा नहीं है कि राजनीति को ध्यान में रख कर या किसी विपक्षी पार्टी का एजेंडा छीन लेने या किसी बड़ी घटना से ध्यान भटकाने के...

  • पहले जाति पूछकर बांटेंगे!

    इसी बीच बुधवार, 30 अप्रैल की कैबिनेट बैठक में तय हुआ है कि सरकार घर घर जा कर लोगों की जाति पूछेगी और उसे दर्ज करेगी। सोचें, एक तरफ कहा जा रहा था कि आतंकवादियों ने धर्म पूछ कर मारा, जाति पूछ कर नहीं। तो दूसरी ओर सरकार ने सबकी जाति पूछने का फैसला ले लिया। कहां तो भाजपा के नेता ‘बंटोंगे तो कटोगे’ या ‘एक रहोगे तो सेफ रहोगे’ के नारे लगा रहे थे और कहां जातियों में बांटने का फैसला कर लिया। सवाल है कि सरकार ने ऐसा क्यों किया और अगर इस फैसले से एक दिन पहले...

  • कांग्रेस को बहुजन राजनीति का फायदा!

    कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में बहुजन राजनीति का जो प्रयोग किया था उसे अब वह सांस्थायिक रूप दे रही है और इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाति गणना कराने का ऐलान कर दिया। बुधवार, 30 अप्रैल को कैबिनेट की बैठक में जाति गणना का फैसला हुआ। सरकार ने कहा कि अगली जनगणना में जातियों की गिनती होगी। आजादी के बाद पहली बार जातियां गिनी जाएंगी। अभी तक 1931 में अंग्रेजों की कराई जातिगत गणना के आंकड़ों के आधार पर बने अनुमान से काम चल रहा था। बिहार की जाति गणना से यह पता चल गया कि मोटे...

  • प्रतिगामी पथ पर

    सवाल वही है- पिछड़े समुदायों को हासिल क्या होगा? उनका पिछड़ापन दूर करने का एजेंडा ना तो “सामाजिक न्याय” की पार्टियों के पास है, ना इस सियासत में नई रंगी कांग्रेस के पास, और ना ही भाजपा के पास। इसमें शायद ही कोई संशय था कि केंद्र की भाजपा सरकार देर-सबेर जातिगत जनगणना कराने पर राजी हो जाएगी। वजह यह है कि सत्ताधारी दल के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 1990 के दशक में ‘सोशल इंजीनियरिंग’ की जो अवधारणा अपनाई, उसका जातियों की अलग-अलग गिनती और उनकी अलग पहचान को मान्यता देने से कोई बुनियादी विरोधी नहीं है। दरअसल,...

  • भाजपा नेताओं के लिए सरप्राइज

    कह सकते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति में जो चौंकाने वाला तत्व है उसकी अभी कमी नहीं आई है। यह भी कह सकते हैं कि वैचारिक और नीतिगत मामलों में यू टर्न करने के अभी कई रिकॉर्ड हैं, जो मोदी सरकार को तोड़ने हैं। आधार से लेकर मनरेगा और जन धन खातों से लेकर पीएमएलए तक के यूपीए सरकार के जितने फैसलों की मोदी ने मुख्यमंत्री रहते आलोचना की थी उन सबको उन्होंने केंद्र में सरकार बनने पर अपनाया। इसी तरह का यू टर्न जाति गणना पर भी है। ऐसा लग रहा था कि चाहे कुछ भी हो...

  • किसका दबाव काम आया?

    विपक्षी पार्टियों में होड़ मची है। सब श्रेय लेने में लगे हैं। विपक्ष का दावा है कि उनके दबाव में केंद्र सरकार ने जाति गणना का फैसला किया है। राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसका श्रेय लिया। उन्होंने केंद्र सरकार से रोडमैप बताने और जाति गणना कराने की समय सीमा तय करने की मांग की। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि जाति गणना के आगे आरक्षण बढ़ाने का फैसला होगा। राहुल गांधी ने कहा कि 50 फीसदी आरक्षण की सीमा को समाप्त किया जाएगा और आबादी के अनुपात में जातियों को आरक्षण मिलेगा। उन्होंने तेलंगाना मॉडल का...

  • भाजपा इकोसिस्टम की निराशा और बेचैनी

    सबसे सही शब्द फ्रस्ट्रेशन है, जो जाति गणना के फैसले के बाद भाजपा के इकोसिस्टम की बेचैनी को बताने के लिए उपयुक्त होगा। पूरा सोशल मीडिया भरा हुआ है कि भाजपा समर्थकों के निराशाजनक पोस्ट से। पिछले करीब 10 दिन से भाजपा समर्थक लोगों को थोड़ा और इंतजार करने के लिए कह रहे थे और दावा कर रहे थे कि पाकिस्तान के खिलाफ ऐसा एक्शन होगा, जैसा पहले कभी नहीं हुआ। कोई बलूचिस्तान बनाने की बात कर रहा था, कोई पीओके छीन लेने का दावा कर रहा था, कोई जनरल आसीम मुनीर को मार डालने का दावा कर रहा था...

  • फैसले को मास्टरस्ट्रोक बताने के तर्क

    जिस तरह से भाजपा के नेता हक्का बक्का रह गए कि उनकी सरकार ने कैसे जाति गणना कराने का फैसला किया उसी तरह पत्रकारों की एक बड़ी बिरादरी भी बेचैन हुई कि उनकी सरकार ने यह क्या कर दिया। किसी पत्रकार का नाम लेने की जरुरत नहीं है लेकिन तमाम देवगन, कश्यप, गोस्वामी, चोपड़ा किस्म के पत्रकार भाजपा नेताओं से आगे बढ़ कर दावा कर रहे थे कि मोदी के रहते कभी जाति गणना नहीं हो सकती है क्योंकि मोदी देश तोड़ने का कोई भी फैसला नहीं कर सकते हैं। उन्होंने भाजपा, राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की...

  • जाति गणना पर पीछे हट रहे सिद्धारमैया

    कर्नाटक में एक दशक पुरानी जाति गणना की रिपोर्ट पर विवाद खत्म नहीं हो रहा है। इस रिपोर्ट के आंकड़े सामने आ गए हैं लेकिन उसके बाद से ही घमासान मचा है। राज्य के दोनों बड़े समुदाय यानी लिंगायत और वोक्कालिगा आंदोलित हैं। उनका कहना है कि जान बूझकर इन दोनों समुदायों की आबादी कम दिखाई गई है। इनके मुकाबले पिछड़ी जातियों की संख्या ज्यादा बताई गई है और मुसलमानों की आबादी भी ज्यादा बताई गई है। कई नेता इस बात से आशंकित हैं कि मुसलमानों की आबादी ज्यादा बताने और उनके लिए आरक्षण की व्यवस्था का लाभ भाजपा को...

  • जाति गणना का मुद्दा क्या दिल्ली में चलेगा

    Rahul Gandhi caste census: राहुल गांधी हर जगह के लोगों के पांव में एक ही साइज का जूता फिट करना चाहते हैं। पिछले कुछ दिनों से वे संविधान बचाओ, आरक्षण बढ़ाओ और जाति गणना कराओ का मुद्दा लेकर देश भर में घूम रहे हैं। जाति गणना कराने और आरक्षण बढ़ाने का मंत्र उनको देने वाले नीतीश कुमार कबके भाजपा के साथ चले गए लेकिन गुरुमंत्र की तरह राहुल उसकी गांठ बांधे हुए हैं। उन्होंने कर्नाटक का चुनाव इस मुद्दे पर लड़ा। फिर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना का चुनाव इसी मुद्दे पर लड़ा।(Rahul Gandhi caste census) फिर लोकसभा और...

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