हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर कांग्रेस आलाकमान को झुका दिया। पिछले करीब एक साल से राहुल गांधी ने हरियाणा में विधायक दल के नेता का चुनाव रोक रखा था। राहुल गांधी चाहते थे कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा की विदाई हो और नए नेता को कमान दी जाए। उन्होंने इस बारे में कई बार नेताओं से बातचीत की। कहा जा रहा है कि उन्होंने हुड्डा को याद दिलाया कि 2024 के चुनाव से पहले उन्होंने कहा था कि यह उनका आखिरी चुनाव है। अब जबकि कांग्रेस चुनाव हार गई है तो उनको छोड़ देना चाहिए और नए लोगों को मौका देना चाहिए। लेकिन हुड्डा ने उनकी कोई बात नहीं सुनी और विधाय़क दल का नेता बनने पर अड़े रहे।
अब एक साल के बाद कांग्रेस ने विधायक दल का नेता नियुक्त करने का फैसला किया तो मुहर भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम पर लगी। वे लगातार पांचवी बार कांग्रेस विधायक दल के नेता बन रहे हैं। प हले दो बार वे राज्य के मुख्यमंत्री रहे और तीसरी बार नेता प्रतिपक्ष बन रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष भी अपनी मर्जी का बनवाया है। कांग्रेस आलाकमान की पसंद कैप्टेन अजय यादव थे लेकिन हुड्डा ने उनके नाम पर वीटो किया, जिसके बाद उनका नाम कटा। हालांकि कांग्रेस आलकमान ने यह फैसला किया था कि यादव प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहिए तो हुड्डा ने राव नरेंद्र सिंह का नाम आगे किया और उनको अध्यक्ष बनवया। इस तरह हुड्डा ने प्रदेश संगठन और विधायक दल दोनों की कमान अपने हाथ में रखी है। इससे पहले भी चौधरी उदयभान को हुड्डा ने ही अध्यक्ष बनवाया था। वे दलित समाज के थे।