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हेमंत सोरेन को भी मौका मिल सकता है

ByNI Political,
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Arvind Kejriwal ED summons
Arvind Kejriwal ED summons

अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मिलती है तो इसे आधार बना कर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी अंतरिम जमानत की याचिका लगा सकते हैं और उनको भी मौका मिल सकता है। ध्यान रहे दोनों का मामला एक जैसा है।

दोनों को ईडी ने गिरफ्तार किया है। दोनों ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली दोनों की याचिका हाई कोर्ट से खारिज हो चुकी है। दोनों अपनी अपनी पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं। दोनों के असर वाले राज्यों में चुनाव होना बाकी है। इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर विचार कर सकती है। हालांकि यह पक्का नहीं है कि जमानत मिलेगी या नहीं। लेकिन अगर मिल जाती है तो यह हेमंत सोरेन के भी जमानत लेने का मजबूत आधार होगा।

गौरतलब है कि केजरीवाल 21 मार्च को गिरफ्तार हुए हैं, जबकि हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। यानी केजरीवाल से दो महीने पहले उनकी गिरफ्तारी हुई है। हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा झारखंड की पांच और ओडिशा की एक सीट पर चुनाव लड़ रही है। झारखंड की 14 लोकसभा सीटों पर चार चरण में मतदान होना है, जिसकी शुरुआत 13 मई से होगी और एक जून तक मतदान चलेगा।

इस बीच राज्य की गांडेय विधानसभा सीट पर उपचुनाव भी है, जहां हेमंत सोरेन की पत्नी चंपई सोरेन चुनाव लड़ रही हैं। केजरीवाल और हेमंत सोरेन में अंतर यह है कि केजरीवाल ने गिरफ्तारी के बाद भी सीएम पद से इस्तीफा नहीं दिया, जबकि हेमंत को इस्तीफा देने के बाद गिरफ्तार किया गया। उनकी जगह चंपई सोरेन को सीएम बनाया गया। लेकिन आधिकारिक रूप से पार्टी के सबसे बड़े नेता हेमंत सोरेन ही हैं। इस नाते वे भी चुनाव प्रचार के लिए राहत मांग सकते हैं। अगर उनको राहत मिलती है तो झारखंड के प्रचार का माहौल भी बदल सकता है।

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