राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

घुसपैठियों के खिलाफ अभियान का कितना फायदा?

एक तरफ चुनाव आयोग मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर का अभियान चला रहा है तो दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार ने घुसपैठियों की पहचान का अभियान शुरू किया है। उत्तर प्रदेश के 17 शहरों में यह अभियान चल रहा है और कई जगह डिटेंशन सेंटर बनाए जा रहे हैं, जहां संदिग्ध नागरिकों को रखा जाऐगा। घुसपैठियों की पहचान होनी चाहिए और उन्हें निकाला भी जाना चाहिए इससे किसी को आपत्ति नहीं हो सकती है। लेकिन यह अभियान प्रतीकात्मक और चुनावी लाभ के लिए नही होना चाहिए। जिस तरह से अमेरिका ने अवैध नागरिकों को पहचाना और उन्हें हथकड़ी, बेड़ी पहना कर अपने देश से निकाला वैसा कुछ भारत को करना चाहिए ताकि घुसपैठियों में मैसेज जाए। लेकिन उस तरह का कोई काम होता नहीं दिख रहा है। ध्यान रहे यह काम केंद्र सरकार कर सकती है, राज्यों का अधिकार इसमें सीमित है।

बहरहाल, उत्तर प्रदेश में चल रहे अभियान में देखने को मिला कि लखनऊ की मेयर खुद झुग्गियों में जाकर लोगों के पहचान पत्र चेक कर रही हैं। सवाल है कि उनकी क्या ऑथोरिटी है? वहां उनको लोग बता रहे हैं कि समाजवादी पार्टी के किसी नेता ने झुग्गी बसवाई। अब सवाल है कि सपा के किसी नेता ने बसवा दी तो भाजपा का कोई नेता जाकर उसे उजाड़ देगा! ऐसा नहीं होता है। तभी लग रहा है कि यह दिखावा हो रहा है। इसी तरह एक जगह एक पुलिसकर्मी मीडिया को बता रहा है कि उसने कई संदिग्ध लोगों की पहचान की है, सब पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। अगर पश्चिम बंगाल का कोई रहने वाला है तो वह संदिग्ध कैसे हो गया? पश्चिम बंगाल तो भारत का ही हिस्सा है। यहां फिर वही गड़बड़ी हो रही है जो दिल्ली और गुरुग्राम में हुई थी। पुलिस वालों को बंगाली और बांग्लादेशी का फर्क नहीं पता है। उसको लग रहा है कि बांग्ला बोलने वाला हर व्यक्ति बांग्लादेशी है। सो, ऐसा न हो कि यह अभियान भी पश्चिम बंगाल के चुनाव में उलटा पड़ जाए। हो सकता है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा कुछ लाभ हो जाए लेकिन बंगाल में घाटा हो जाए।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *