विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ की ओर से एक नारा दिया गया है ‘मैं नहीं हम’। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी बैकफुट पर है और इसलिए माना जा रहा है कि सबको साथ लेकर चलने के लिए इस नारे से एक मैसेजिंग की जा रही है। लेकिन इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है। भाजपा ने दावा किया है कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा है। भाजपा के मुताबिक मोदी ने गुजरात में प्रधानमंत्री रहते 2011 में इस नारे का इस्तेमाल किया था। भाजपा का कहना है कि मोदी ने सामूहिक नेतृत्व और समावेशी राजनीति के लिए यह नारा दिया था।
अब सवाल है कि क्या भाजपा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस के नारों का इस्तेमाल नहीं करते हैं? प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने को प्रधान सेवक कहना शुरू किया। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सबसे पहले अपने लिए प्रधान सेवक संबोधन का इस्तेमाल किया था। सोचें, पंडित नेहरू पर सबसे ज्यादा हमले होते हैं फिर भी उनका जुमला इस्तेमाल करने में कोई दिक्कत नहीं है। इसी तरह पिछले दिनों प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से कहा कि उनको मोदीजी नहीं, बल्कि मोदी कहा जाए। क्योंकि उसमें ज्यादा अपनापन है। यह बात भी कुछ समय पहले राहुल गांधी ने कहा था। उन्होंने लोगों के एक समूह को बातचीत के दौरान कहा कि वे उनको राहुलजी नहीं, बल्कि राहुल कहें।