जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों के हमले के 10 दिन बीत गए हैं लेकिन अभी तक हमला करने वाले पांच आतंकवादियों का कुछ अता पता नहीं चल पाया है। इस बीच भारत सरकार ने कई फैसले किए। सिंधु जल समझौते को स्थगित करना उनमें से एक अहम फैसला है। इसके अलावा राजनयिकों की संख्या घटाने, वीजा रद्द करने, बॉर्डर बंद करने आदि के फैसले हैं और महत्वपूर्ण लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट बंद करने के फैसले हैं। आतंकवादी हमले के बाद से किसी बड़ी सैन्य कार्रवाई का इंतजार हो रहा है लेकिन उसे पहले भारत और पाकिस्तान के बीच फिल्मी डायलॉग से जंग चल रही है। ऐसा लग रहा है कि भारत और पाकिस्तान दोनों के नेताओं के संवाद फिल्मों के डायलॉग लिखने वाले ही लिख रहे हैं।
जैसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डायलॉग बोला कि, ‘पहलगाम के हमलावरों को चुन चुन कर मारेंगे’। यह हिंदी फिल्मों को नायकों का पसंदीदा डायलॉग रहा है। उनसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘आतंकवादियों को ऐसी सजा देंगे, जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी’। उनका दूसरा डायलॉग था कि, ‘आतंकवादियों की बची खुची जमीन को मिट्टी में मिला देने का समय आ गया है’। उधर पाकिस्तान के विदेश मंत्री रहे बिलावल भुट्टो ने जल संधि स्थगित करने पर डायलॉग मारा कि, ‘सिंधु में या तो हमारा पानी बहेगा या भारत का खून बहेगा’। यह अच्छा है कि हथियारों से जंग लड़ने की बजाय अगर दोनों देश अच्छे डायलॉग बोल कर ही लड़ लें और उसी आधार पर जीत हार तय हो जाए कि किसके डायलॉग ज्यादा अच्छे थे।