यह लाख टके का सवाल है कि निशाना क्या होगा? पहलगाम हमले के बाद से ही यह अंदाजा लगाया जा रहा है लेकिन जब मंगलवार को सरकार की ओर से तीनों सेना प्रमुखों की बैठक में कहा गया कि सेना तय करे कि आतंकवाद के खिलाफ कब, कहां और क्या कार्रवाई करनी है तब से इसकी कयासबाजी बढ़ गई है।
यह सवाल पूछा जा रहा है कि सीधे युद्ध छिड़ेगा या टारगेटेड हमला होगा? यह सवाल भी उठ रहा है कि अगर सेना लक्षित कार्रवाई करती है तो उसका लक्ष्य क्या होगा? क्या पिछली बार की तरह आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया जाएगा या इस बार कोई बड़ा लक्ष्य होगा? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि खुद प्रधानमंत्री ने बिहार की जनसभा में और उसके बाद मन की बात कार्यक्रम में अभूतपूर्व सजा देने की बात कही है।
भारत की सैन्य प्रतिक्रिया का लक्ष्य
कई जानकारों का मानना है कि भारत इस समय प्रत्यक्ष युद्ध छेड़ने का फैसला नहीं करेगा क्योंकि भारत एक जिम्मेदार देश है। इसलिए लक्षित कार्रवाई होगी। लक्ष्य कोई बड़ा सैन्य ठिकाना हो सकता है, कोई बड़ा आतंकवादी हो सकता है या कोई बड़ा आतंकवादी शिविर या उसका मुख्यालय हो सकता है। मोस्ट वांटेड आतंकवादी हाफिज सईद एक संभावित लक्ष्य हो सकता है। कहा जा रहा है कि वह पाकिस्तानी सेना की शरण में कहीं छिपा हुआ है। तभी इस बात की चर्चा है कि इजराइल की तरह कार्रवाई करके हाफिज सईद को मारा जा सकता है।
लीपा घाटी में एक हथियार डिपो को नष्ट करने का अंदाजा भी कई ऐसे सोशल मीडिया हैंडल से लगाया जा रहा है, जो भाजपा के इकोसिस्टम से जुड़े हैं। बहावलपुर और मुजफ्फराबाद के आसपास आतंकवादी शिविरों को निशाना बना कर आतंक का ढांचा खत्म करने की संभावना सबसे आम है। टाइमिंग को लेकर पाकिस्तान की ओर से अंदाजा लगाया गया है कि 24 से 36 घंटे में कार्रवाई होगी लेकिन जानकारों का कहना है कि भारत इंतजार करेगा।
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