कांग्रेस पार्टी में हड़कंप मचा है। सोनिया गांधी के दामाद और राहुल गांधी के जीजाजी रॉबर्ट वाड्रा के ऊपर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने जमीन गड़बड़ी के मामले में आपराधिक आरोप लगाते हुए आरोपपत्र दाखिल किया है। पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी एजेंसी ने वाड्रा को आपराधिक मामले का आरोपी बनाया है। मामला हरियाणा के गुरुग्राम की जमीन का है। यह मामला कितना गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राहुल गांधी को सामने आकर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए वाड्रा का बचाव करना पड़ा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट लिख कर कहा कि उनके जीजाजी को पिछले 11 साल से परेशान किया जा रहा है। उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा के साथ साथ अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और उनके बच्चों के साथ अपनी एकजुटता दिखाई।
सवाल है कि राहुल गांधी को पोस्ट लिख कर अपने जीजाजी का बचाव क्यों करना पड़ा? ध्यान रहे राहुल की इस पोस्ट के बाद भाजपा उनके ऊपर हमलावर है। भाजपा ने कहा है कि राहुल लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की अपनी पोजिशन का इस्तेमाल अपने परिवार के भ्रष्टाचार का बचाव करने के लिए कर रहे हैं। राहुल और कांग्रेस को इसकी आशंका रही होगी फिर भी सामने आकर परिवार के साथ एकजुटता दिखानी पड़ी तो क्या नेहरू गांधी परिवार को कोई आशंका सता रही है? प्रियंका गांधी वाड्रा के बेहद करीबी माने जाने वाले छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस नेताओं को आशंका है कि वाड्रा को गिरफ्तार किया जा सकता है। ध्यान रहे भाजपा और नरेंद्र मोदी ने 2014 में वाड्रा को नेहरू गांधी परिवार के भ्रष्टाचार का प्रतीक बनाया था, लेकिन पिछले 11 साल में उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे आम लोगों में यह धारणा बन रही थी कि मोदी सरकार सोनिया गांधी के परिवार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
खुद वाड्रा ने कई बार चुनौती उछाली कि अगर उन्होंने कोई गड़बड़ी की है तो उनके ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। सो, यह माना जा रहा था कि या तो वाड्रा ने कोई गड़बड़ी नहीं की है या किसी तरह से ऊपर यानी सत्ता के शीर्ष पर प्रबंधन किया गया है। कांग्रेस के ही एक राज्यसभा सांसद, जिनका अटल बिहारी वाजपेयी के समय से भाजपा नेताओं के साथ अच्छे संबंध रहे हैं, उनके जरिए ऊपर मैनेज किए जाने की खबरें चर्चा में थीं। पता नहीं इसमें कितनी सचाई है लेकिन यह जरूर है कि मोदी सरकार ने हर मोहरे का सही समय पर इस्तेमाल किया। अभी तक नेहरू गांधी परिवार के खिलाफ कार्रवाई किए बगैर ही काम चल रहा था। तभी पिछले 11 साल से भ्रष्टाचार के तमाम मामलों को बिना कोई कार्रवाई किए जिंदा रखा गया। अगर लगेगा कि छोटे छोटे नेताओं पर कार्रवाई से काम नहीं चल रहा है और भाजपा का अपना समर्थक वर्ग इससे संतुष्ट नहीं है तो सबसे पहला टारगेट वाड्रा हो सकते हैं। ध्यान रहे पिछले कुछ दिनों से नेशनल हेराल्ड मामले में भी सुनवाई शुरू हो गई है। सो, अगले चुनाव से पहले सोनिया और राहुल गांधी को भी धन शोधन के मामले में विशेष अदालत सजा सुना दे तो हैरानी नहीं होगी।