राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

महाराष्ट्र में विपक्ष के नेताओं को थामना मुश्किल

वैसे तो यह पूरे देश की परिघटना है लेकिन महाराष्ट्र में गजब हुआ है। पिछले चुनाव में यानी 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे महाविकास अघाड़ी की तीन पार्टियों के 43 उम्मीदवारों ने एक साल में पाला बदल लिया है। महाविकास अघाड़ी के ये उम्मीदवार महायुति यानी भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गए हैं। सोचें, ये उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे थे इसका मतलब है कि अपने आप ये अपने क्षेत्र के शैडो विधायक थे। इनमें से कुछ उम्मीदवार तो बहुत कम अंतर से हारे थे और हो सकता है कि अगली बार चुनाव में जीत जाते। लेकिन उन्होंने पांच साल तक विपक्ष में रह कर इंतजार करने और जमीन पर काम करने की बजाय सत्ता के साथ चले गए। इतना ही नहीं दूसरे स्थान पर रहे तीन निर्दलीय भी महायुति के साथ चले गए।

पाला बदलने वाले नेताओं में से सबसे ज्यादा उद्धव ठाकरे की शिव सेना के हैं। उनकी पार्टी के 19 ऐसे उम्मीदवार जो पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे थे पाला बदल कर सत्तारूढ़ गठबंधन में चले गए हैं। इसके बाद शरद पवार की एनसीपी के 13 और कांग्रेस के 10 उम्मीदवारों ने पाला बदला है। एक उम्मीदवार पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी, पीडब्लुपी का था, जो दूसरे स्थान पर रहा था उसने भी पाला बदल लिया। सो, महाविकास अघाड़ी के 42 और एक पीडब्लुपी के उम्मीदवार सहित कुल 46 दूसरे स्थान पर रहे उम्मीदवारों ने एक साल में पाला बदला। इनमें से 26 भारतीय जनता पार्टी में गए तो 13 अजित पवार की एनसीपी में और सात एकनाथ शिंदे की शिव सेना में गए। अभी एक ही साल बीते हैं। महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियों को काफी समय तक अपने विधायकों को संभालना है, जो दिनों दिन मुश्किल होता जा रहा है।

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *