nayaindia Lok sabha election CPI ML क्या सीपीआई माले की संसद में वापसी होगी

क्या सीपीआई माले की संसद में वापसी होगी

कोई 25 साल पहले आखिरी बार सीपीआई माले का कोई उम्मीदवार लोकसभा का चुनाव जीत कर संसद में पहुंचा था। 1989 में जब वीपी सिंह की लहर चली थी तब बिहार की आरा सीट से सीपीआई माले के रामेश्वर प्रसाद चुनाव जीते थे। हालांकि डेढ़ साल में ही वह लोकसभा भंग हो गई थी और उसके बाद फिर माले का कोई सांसद चुनाव नहीं जीता। हालांकि दूसरी कम्युनिस्ट पार्टियों के सदस्यों की संख्या दोनों सदनों में पहले बढ़ी और फिर घटते घटते काफी कम रह गई है। अब 25 साल के बाद सीपीआई माले को लग रहा है कि उसका कोई सांसद चुनाव जीत कर लोकसभा में पहुंच सकता है।

इस बार बिहार में राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन में माले तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उसके 12 विधायकों की ताकत को देखते हुए राजद और कांग्रेस ने उसे आरा, नालंदा और काराकाट सीट दी है। माले के नेता मान रहे हैं कि आरा और नालंदा की लड़ाई मुश्किल है लेकिन स्थानीय कारणों से काराकाट में वह चुनाव जीत सकती है। गौरतलब है कि काराकाट सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा चुनाव लड़ रहे हैं। वे भाजपा और जदयू गठबंधन के उम्मीदवार हैं। वहां माले ने राजाराम कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है। इससे कुशवाहा वोटों में बंटवारा हो रहा है। दूसरी ओर भोजपुरी के बड़े गायक और कलाकार पवन सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। वे भाजपा के नेता हैं और पार्टी ने उनको अभी तक निष्कासित नहीं किया है। राजपूत समाज उनके साथ पूरी तरह से एकजुट दिख रहा है, जो वैसे भाजपा गठबंधन को वोट  करता है। इससे माले को उम्मीद है कि उसका खाता खुल सकता है।

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