बिहार में जल्दी ही भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति होगी। राज्य सरकार के मंत्री नितिन नबीन के भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद सरकार में भी जल्दी ही फेरबदल की संभावना है। गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने 20 नवंबर को शपथ ली तो उन्होंने अपनी पार्टी के कोटे की सात सीटें खाली रखीं। उन्होंने मंत्री नहीं बनाए। कहा जा रहा है कि वे निर्दलीय और छोटी पार्टियों के दो विधायकों को साथ लाना चाह रहे हैं। भाजपा ने अपने कोटे के ज्यादातर मंत्री बनवा दिए थे। नितिन नबीन के इस्तीफे के बाद एक पद खाली हुआ है। सो, अगले कुछ दिन में बिहार में नीतीश कुमार की सरकार में फेरबदल होगी। जनता दल यू के मंत्रियों के साथ भाजपा के दो मंत्री शपथ ले सकते हैं। इनमें से एक सवर्ण चेहरा होगा। अभी से नाम की अटकलें लगाई जाने लगी हैं।
यह तय है कि नितिन नबीन विधानसभा की अपनी बांकीपुर सीट से इस्तीफा देंगे और अगले साल अप्रैल में राज्यसभा जाएंगे। उनको दिल्ली में बड़ा बंगला आवंटित होगा। उनकी सीट से कौन लड़ेगा यह भी देखना दिलचस्प होगा। कोई कायस्थ ही होगा क्योंकि भाजपा ने पहले ही कायस्थों की दूसरी सीट कुम्हरार से वैश्य को टिकट देकर वह सीट ब्लॉक कर दी है। क्या रितुराज सिन्हा बांकीपुर से विधायक और नए मंत्री हो सकते हैं? ध्यान रहे अब राज्यसभा जाने की उनकी संभावना पर विराम लग गया है। बहरहाल, अब बिहार के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की भी अटकलें लगने लगी हैं। कहा जा रहा है कि नया अध्यक्ष भी पटना से ही होगा और पिछड़ी जाति का होगा। दीघा सीट के विधायक संजीव चौरसिया के नाम की चर्चा सबसे तेज है। वे भाजपा के बड़े नेता और राज्यपाल रहे गंगा प्रसाद चौरसिया के बेटे हैं। बिहार में परदे के पीछे से संगठन के बहुत सारे काम वे करते रहे हैं। बिहार के हर जिले में भाजपा का कार्यालय बनवाने के लिए जमीन खरीद से लेकर कार्यालय के निर्माण तक में उनकी अहम भूमिका रही थी। वे अति पिछड़ी जाति से आते हैं, जिसकी राजनीति भाजपा को आगे करनी है। गौरतलब है कि अभी दिलीप जायसवाल प्रदेश अध्यक्ष हैं, जिनको मंत्री बना दिया गया है। इसलिए वे अध्यक्ष पद छोड़ेंगे।


